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सलाह लेने सरदार पटेल के घर जाते थे जवाहर लाल नेहरू-मल्लिकार्जुन खरगे


अहमदाबाद में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके योगदान को याद किया. साथ ही उन्होंने देश की मौजूदा राजनीति पर चिंता भी जताई.

खरगे ने कहा, “सरदार पटेल का नजरिया पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष था. वे मानते थे कि पूरा भारत उनका गांव है और सभी धर्मों के लोग उनके अपने हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल ने कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाई और कराची अधिवेशन में पार्टी के अध्यक्ष भी बने थे. खरगे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश को सांप्रदायिकता के जरिए बांटने की कोशिश हो रही है ताकि असली मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके. उन्होंने कहा कि कुछ गिने-चुने लोग देश के संसाधनों पर कब्जा कर शासन को अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने सरदार पटेल और पंडित नेहरू के संबंधों पर कहा, "सरदार पटेल जी का मानना था कि महात्मा गांधी उनको उसी तरह का प्यार देते हैं जैसे उन्हें अपने पिता से मिलता और गांधी जी भी सरदार पटेल को अपने बेटे की तरह मानते थे." उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल और नेहरू जी के बीच गहरे और मधुर संबंध थे, और दोनों ने मिलकर देश की सेवा की. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार गांधी जी से जुड़े संस्थानों पर कब्जा कर उन्हें उनके वैचारिक विरोधियों को सौंप रही है. कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी के सदस्यों से अपील की कि वे संगठन को मजबूत करें और देश की एकता, अखंडता और सामाजिक न्याय की विचारधारा को आगे बढ़ाएं.

संगठन के बिना संख्या बल बेकार है. बिना संगठन के संख्या बल असली बल नहीं है. सूत के धागे अलग-अलग रहते हैं तो अलग बात होती है पर जब वे बड़ी संख्या में एकत्र होते हैं तो कपड़े का स्वरूप धारण कर लेते हैं. तब उसकी मजबूती, सुंदरता और उपयोगिता अद्भुत हो जाती है.” उन्होंने आगे कहा कि कल कांग्रेस के अधिवेशन में बहुत सी बातें कहने और सुनने का मौका मिलेगा. पार्टी के समक्ष चुनौतियों पर बातें करेंगे और भविष्य की राह भी निकालेंगे.

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