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बीसलपुरः स्वाभिमानी बने, अभिमानी नहीं-शशि आर्या


बीसलपुर। आर्य समाज की अंतरराष्ट्रीय वैदिक भजनोपदेशिका शशि आर्या ने कहा है कि अभिमान और घमंड मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है जीवन में सफल होने के लिए विनम्रता व सादगी आवश्यक है। भजनोपदेशिका ग्राम सुन्दर पुर खाक सराय में चल रहे तीन दिवसीय वेदिक महोत्सव कार्यक्रम में प्रवचन कर रही थी। उन्होंने कहा कि हमें अपने अंदर अभिमान नहीं लाना चाहिए और स्वाभिमान को कभी खोना नहीं चाहिए। महाराणा प्रताप ने घास की रोटियां तक खाईं, जंगलों में सोए, लेकिन कभी स्वाभिमान से समझौता नहीं किया।उनका जीवन मातृभूमि के प्रति अथाह प्रेम और समर्पण का अनन्य उदाहरण है। वे आजीवन संघर्षों में रहे। विशाल सेनाओं से युद्ध करते रहे, लेकिन मातृभूमि मेवाड़ की आन को बनाए रखा। उनका जीवन हमें स्वदेश प्रेम की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सनातन धर्म को खत्म करने के षड्यंत्र में लगे हैं। हमें उनके इस षडयंत्र को सफल नहीं होने देना है। यदि सनातनी जातिवाद से ऊपर उठकर एकजुट नहीं हुए तो आने वाले समय में हिंदू समाज विलुप्त हो सकता है। हमारे लिए हमारे समाज का एक एक व्यक्ति अनमोल हैं। सनातन धर्म की रक्षा महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारधारा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि आज जातिगत संघर्ष के कारण हमारी राष्ट्रीय एकता संकट में है। विघटनकारी तत्व हिन्दुओं को तोड़ने का काम कर रहे हैं। हिन्दुओं को सजग और सावधान रहने की जरूरत है। सभी हिन्दुओं को अपने बच्चों को सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढाना चाहिए, जिससे बच्चे विधर्मियों के कुचक्र से बच सकें और अपनी वैदिक संस्कृति को जान सकें।

इस कार्यक्रम में बरेली बहेड़ी से पधारे पं विमल देव अग्निहोत्री ने श्रोताओं को अपने भजनों के माध्यम से मंत्रमुग्ध कर दिया । यज्ञ का कार्यक्रम पं विमल देव अग्निहोत्री और अंतर्राष्ट्रीय वैदिक भजनोपदेशिका शशि आर्या द्वारा सम्पन्न कराया गया।

श्रद्धालुओं ने यज्ञ में आहुतियां प्रदान कर बुराइयों को त्यागने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हरि भारद्वाज ने की। मौके पर निरंजन सिंह,देवकीनंदन , पीलीभीत आर्यसमाज एवं पूरनपुर आर्यसमाज के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे ।

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