प्रतापगढः भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की कथा सुन श्रद्धालु हुए भावविभोर
April 18, 2025
लालगंज/प्रतापगढ़। क्षेत्र के पूरे भवराम बोझी में चल रही श्रीमदभागवत कथा में शुक्रवार को कथाव्यास पं. धीरेन्द्रपाल त्रिपाठी के मुखारबिंद से भगवान श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं की कथा सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। वहीं कथा में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर झांकी का दर्शन कर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा की। आयोजन समिति द्वारा कथाव्यास जी को मान पत्र व माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। कथाव्यास पं. धीरेन्द्रपाल त्रिपाठी ने बताया कि भगवान का जन्म जीवों के उद्धार के लिए ही होता है। भगवान के सम्मुख जीव के आने पर वह उसका उद्धार अवश्य करते हैं। कथाव्यास ने बताया कि भगवान जिसे भी स्वीकार कर लिया करते है उसका समस्त दोष स्वतः मिट जाया करता है। उन्होने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे चंद्रमा में दोष है पर भगवान शंकर ने चंद्रमा को धारण किया तब वह जगत के लिए वंदनीय हो गया। श्रीमदभागवत ऐसी कथा है जो जीवन के उददेश्य तथा दिशा को दर्शाती है। भागवत कथा सुनने मात्र से मनुष्य में सकारात्मक ऊर्जा को मजबूती मिला करती है। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कथाव्यास ने बताया कि भगवान ने ब्रज में रहकर माखन चोरी की लीलाएं की। वही उन्होने राक्षसी पूतना, बकासुर, अधासुर जैसे दैत्यों का उद्धार भी किया। कालियामर्दन तथा गोवर्धन पर्वत को धारण कर ब्रजवासियों की रक्षा भी की। भागवत कथा के मुख्य आयोजक यज्ञ नारायण शुक्ल, हरिकन्या, सूर्य नारायण शुक्ल, गायत्री देवी तथा परमात्मादीन शुक्ल व नीलम ने वैदिक मंत्रोचार के बीच व्यासपीठ का पूजन अर्चन किया। इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता देवानंद त्रिपाठी, देवी प्रसाद मिश्र बेलौरा, जगदम्बा प्रसाद शुक्ल, अम्बिका प्रसाद शुक्ल, प्रकाशचंद्र मिश्र, आचार्य विनय शुक्ल, पप्पू तिवारी, अतुल शुक्ल, गुरू प्रसाद मिश्र, उदयशंकर दुबे, प्रधान गिरजाशंकर दुबे, ज्ञानप्रकाश शुक्ल, नवीन शुक्ल, दिनेश सिंह, देवी प्रसाद तिवारी, रमाकांत, प्रतीक, आलोक आदि मौजूद रहे।