
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के बीकेटी तहसील फलपट्टी क्षेत्र में मानकों की अनदेखी कर लगभग दो दर्जन से अधिक ईंट भट्ठे चल रहे हैं और ईट भट्ठों की चिमनियों से निकलने वाला धुआं फलदार वृक्षों को क्षति पहुंचाते हुए पर्यावरण को पूरी तरह से दूषित कर रहा है,जबकि फलपट्टी क्षेत्र के लिए निर्धारित मापदंडों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बता दें कि एक तरफ जहां चिमनी मालिक सरकार को लाखों का चूना लगा रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ आम, अमरूद, कटहल, केला, लौकी, तोरई, करेला, भिंडी, बैंगन अन्य सब्जियों सहित बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा बुजुर्गों को विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों का शिकार बना रहे हैं। बता दें कि मामपुर बाना, मदारीपुर, इटौंजा,नेवदा,पंडितपुरवा सहित क्षेत्र में दर्जनों जगहों पर मानकों के विपरीत कृषि योग्य भूमि एवं आम के बागों के आसपास इंट-भट्टे संचालित होने से किसान परेशान हैं, चिमनी से निकलने वाले धुएं के चलते खरीफ व रबी की फसलों सहित प्रतिवर्ष आम, अमरूद, कटहल, केला, पपीता की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। वहीं, ईंट-भट्ठों के संचालन से निकल रहे विषैले धुएं से आसपास के खेत भी बंजर बन रहे हैं। परंतु, फलपट्टी क्षेत्र में बिना अनुज्ञप्ति के जिला प्रशासन, जिला उद्यान अधिकारी, जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं तहसील प्रशासन की मिलीभगत से चल रहे लगभग दो दर्जन ईंट भट्ठे फलपट्टी के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। वहीं राम प्रकाश सिंह, रामदेव तिवारी आदि किसानों ने बताया कि क्षेत्र में दर्जनों जगहों पर फलपट्टी के मानकों की अनदेखी कर कृषि योग्य भूमि एवं आबादी के निकट आम के बागों के आसपास ईंट-भट्ठे संचालित होने से किसान परेशान हैं। चिमनी से निकलने वाले धुएं के चलते खरीफ-रबी की फसलों सहित आम एवं अन्य फलदार फसलों को भी भारी नुकसान हो रहा है। वहीं, फलपट्टी क्षेत्र में हरियाली बरकरार रखने एवं फलदार वृक्षों की रक्षा की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेकर चलने वाले जिम्मेदार अधिकारी अधिक धन कमाने की चाहत में अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़े हुए हैं।