बाराबंकी: आग की लपटों में बुझ गया एक घर ,मां और दो मासूम बच्चियों की मौत, पिता व बेटा जिंदगी से लड़ रहे जंग
April 23, 2025
मसौली/ बाराबंकी। मंगलवार की शाम पूरेजबर गांव में जो हुआ, उसने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया। एक मामूली सी चूक या दुर्भाग्य की घड़ी ने एक हंसते-खेलते परिवार की पूरी दुनिया उजाड़ दी। राजमल लोहार की पत्नी पिंकी (35 वर्ष) अपने छपरनुमा घर में छोटे गैस सिलेंडर पर खाना बना रही थीं। तभी अचानक सिलेंडर ने आग पकड़ ली और पलक झपकते ही पूरा घर आग का गोला बन गया।
आग की लपटों में घिरी पिंकी ने अपने प्राणों की परवाह न करते हुए अपनी 8 माह की बच्ची शिवानी और 4 साल की बेटी मोहिनी को बचाने की कोशिश की, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। तीनों की मौके पर ही जलकर दर्दनाक मौत हो गई। उनकी चीखें, लपटों में सिसकती मासूम जिंदगी, सब कुछ जैसे समय को थाम कर रख दिया।
पत्नी और बच्चियों को बचाने की कोशिश में राजमल और उनका 2 वर्षीय बेटा ओमकार भी बुरी तरह झुलस गए। उन्हें पहले जिला अस्पताल और फिर गंभीर स्थिति में सिविल अस्पताल लखनऊ रेफर किया गया है, जहां दोनों की हालत नाजुक बनी हुई है।
बुधवार की दोपहर जब पोस्टमार्टम के बाद मां और बेटियों के शव गांव पहुंचे, तो पूरे गांव की आंखें नम हो गईं। शोक की इस घड़ी में गांव का हर शख्स गमगीन था। नायब तहसीलदार तहजीब हैदर, लेखपाल अभिषेक, पूर्व विधायक शरद कुमार अवस्थी, विधायक प्रतिनिधि लल्लन वर्मा, चैकी इंचार्ज विनय कुमार सहित सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में राजमल के छोटे भाई धीरज ने भाभी और भतीजियों को अंतिम विदाई दी।
घर की दीवारें अब राख हो चुकी हैं, आंगन सूना है, और हर कोना उस मां और उसकी मासूम बेटियों की किलकारियों को तरस रहा है। यह हादसा सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे गांव के लिए एक गहरा जख्म बन गया है।