सैफनीः डॉ0 भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बताया महत्व
April 14, 2025
सैफनी। सोमवार को बाबा भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर नगर के विभिन्न समाजसेवियों व नेताओं ने बस स्टैण्ड स्थित बाबा भीमराव राव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके बताए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।इस दौरान कासमनगला निवासी शिक्षक जेपी सागर ने कहा कि बाबा साहब के पिता मुंबई शहर के एक ऐसे मकान में रहने गए जहां एक ही कमरे में पहले से बेहद गरीब लोग रहते थे इसलिए दोनों के एक साथ सोने की व्यवस्था नहीं थी तो बाबासाहेब अंबेडकर और उनके पिता बारी-बारी से सोया करते थे जब उनके पिता सोते थे तो डॉ भीमराव अंबेडकर दीपक की हल्की सी रोशनी में पढ़ते थे। भीमराव अंबेडकर संस्कृत पढ़ने के इच्छुक थे, परंतु छुआछूत की प्रथा के अनुसार और निम्न जाति के होने के कारण वे संस्कृत नहीं पढ़ सकते थे। परंतु ऐसी विडंबना थी कि विदेशी लोग संस्कृत पढ़ सकते थे। भीम राव आंबेडकर जीवनी में अपमानजनक स्थितियों का सामना करते हुए डॉ भीमराव अंबेडकर ने धैर्य और वीरता से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद कॉलेज की पढ़ाई।कहा कि बाबा साहब हम सबके आदर्श और मार्गदर्शक हैं।उन्होंने तंगा-तरसी का दौर झेलकर, विसंगतियों का दंश झेलकर, सच्चे राष्ट्र-भाव का परिचय देकर, समता-मूलक समाज के स्वप्नदर्शी, समाज-सुधारक, महान् अर्थशास्त्री इत्यादि के चरितार्थक बनकर कैसे पथप्रदर्शक बने और समाज में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने में महती भूमिका निभाई।वहीं दूसरी और कासमनगला के भीमराव अंबेडकर पार्क में भी बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर ग्रामवासियों ने माल्यार्पण कर उनके बताए मार्ग पर चलने की प्रेरणा ली। इस दौरान दिनेश कुमार,जगपाल सिंह सागर,देवराज आजाद,रामाधार सागर,मनोज कुमार,दिनेश कुमार, रचित कुमार, मनदीप सिंह आदि मौजूद रहे।