पीलीभीत। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भक्त शिवालियों पर भगवान भोलेनाथ का दुग्धाभिषेक और रुद्राभिषेक कर रहे हैं। कांवरिया भोले नाथ को प्रसन्न करने के लिए जगह-जगह से जल लाकर भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं। पूरे शहर के गली सड़कें शिवमय सजी नजर आई जगह-जगह शिवालय बम-बम भोले के जयकारों से गुंजायमान रहा।धार्मिक मान्यता है कि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस पर्व को महाशिवरात्रि के रूप में पूजा जाता है. महाशिवरात्रि पर चार पहर में भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है।शहर के प्राचीन श्री गौरी शंकर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व को लेकर को पूरे दिन तैयारियां चलती रही। मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया। पूरे मंदिर परिसर को बिजली की झालरों से सजाया गया है। शहर के दुधियानाथ मंदिर,स्टेशन मार्ग स्थित शिव मंदिर, बल्लभनगर स्थित मंदिर, ब्रहमचारी घाट स्थित शिव मंदिर पर महाशिवरात्रि पर्व को लेकर तैयारियां होती रहीं।
इसके अलावा शहर के रंगीलाल चैराहे से दोपहर शिवबरात निकाली गयी इसके अलावा शहर के ही शेरोवाली मठिया से शाम शिव बरात निकाली गई। जो शहर के विभिन्न मार्गों पर भ्रमण करेगी। शिव रात्रि को लेकर शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। शिव मंदिरों के आसपास मार्गों पर साफ-सफाई भी कराई गई है। ताकि दर्शन करने आने वाले शिव भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।दरअसल जनपद पीलीभीत के सैकड़ो वर्ष प्राचीन गौरीशंकर बाबा महादेव के मंदिर में बाबा शंकर मां गौरी के साथ गौरीशंकर रूप में विराजमान हैं। हर वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर लाखों श्रद्धालू यहां पहुंचकर भोलेनाथ के विवाह उत्सव में शामिल होकर बारात शोभायात्रा में शामिल महादेव के गणों से आशीर्वाद लेकर उनका अभिषेक करने के लिए यहां पहुँचते हैं।कई वर्षों से चली आ रही इस परम्परा के अनुसार ऊंचे मोहल्ले गौरी मंदिर से बाबा की बारात शोभायात्रा को सजाकर भोलेनाथ के गणों सहित भूत प्रेत की झाकियों से सुशोभित बारात में भक्त शामिल होकर गौरीशंकर मंदिर पहुँचते हैं। वहां श्रद्धालुओं के साथ पहुंची बारात का भव्य स्वागत के बाद विवाह की रस्म को पूरा किया जाता है। बाबा के अभिषेक के साथ यहां भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती है। मान्यता यह भी है कि बाबा गौरीशंकर की लगने वाली अदालत में हर फैसला निष्पक्ष भाव से बाबा करके भक्तों की कामनाएं पूर्ण करते हैं। तथा जगह-जगह भांग का वितरण किया गया और जनपद भर में भंडारे का भी आयोजन हुआ।