संत कबीर नगर। अयोध्या तीर्थ पुरोहित धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश महाराज ने महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव के विवाह, बारात और लीलाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का पवित्र त्योहार है। यह दिन भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। राजेश महाराज ने भगवान शिव के विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि यह विवाह दिव्य और अलौकिक था। इसमें सभी देवी-देवताओं और गणों ने भाग लिया था। भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह करके गृहस्थ जीवन की शुरुआत की थी, जो सभी के लिए एक आदर्श है।राजेश महाराज ने शिव बारात के बारे में बताते हुए कहा कि यह बारात अद्भुत और मनोरम थी। इसमें भूत-प्रेत, गण और सभी देवी-देवता शामिल थे। भगवान शिव नंदी बैल पर सवार होकर अपनी बारात में निकले थे, जो भक्तों के लिए एक दर्शनीय दृश्य था। राजेश महाराज ने भगवान शिव की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि उनकी लीलाएं अनंत और अपरंपार हैं। उन्होंने अपनी लीलाओं से सृष्टि का संचालन किया और भक्तों को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। भगवान शिव की लीलाएं हमें सिखाती हैं कि सत्य, प्रेम और करुणा ही जीवन के मूल मंत्र हैं। राजेश महाराज ने महाशिवरात्रि के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह त्योहार हमें भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन व्रत, उपवास और पूजा-अर्चना करने से भक्तों को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और उनके सभी कष्ट दूर होते हैं। राजेश महाराज ने सभी भक्तों से अपील की कि वह महाशिवरात्रि के इस पवित्र त्योहार को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।