लखनऊ। मंगलवार को बलरामपुर चिकित्सालय में इमरजेंसी बिल्डिंग के प्रथम तल पर स्ट्रोक यूनिट का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुशील प्रकाश मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय तेवतिया एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
स्ट्रोक यूनिट के नोडल अधिकारी, न्यूरोसर्जन डॉ. विनोद कुमार तिवारी ने बताया कि स्ट्रोक (मस्तिष्क आघात) के मामलों में शीघ्र चिकित्सा हस्तक्षेप अत्यंत आवश्यक होता है। यदि इंफार्क्ट (अवरोधजनित स्ट्रोक) के मामलों में समय पर विशेष इंजेक्शन (थ्रोम्बोलाइटिक थेरेपी) द्वारा उपचार किया जाए, तो मरीज की रिकवरी अत्यधिक तेज और प्रभावी होती है।
इस अवसर पर वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ. रघुबीर श्रीवास्तव, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. आर. एन. मिश्रा, वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. विष्णु कुमार सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित रहे। सभी ने इस पहल को मरीजों के लिए वरदान बताते हुए बलरामपुर चिकित्सालय को स्ट्रोक प्रबंधन में एक उन्नत केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि स्ट्रोक के लक्षणों को जल्द पहचानना (जैसे चेहरे का टेढ़ा होना, हाथ-पैर में कमजोरी, बोलने में कठिनाई) और समय पर अस्पताल पहुंचना अत्यंत आवश्यक है। यह यूनिट 24×7 उपलब्ध रहेगी, जिससे गंभीर मरीजों को तुरंत और समुचित उपचार मिल सकेगा।
बलरामपुर चिकित्सालय का यह कदम मस्तिष्क आघात से होने वाली जटिलताओं को कम करने और मरीजों को गुणवत्ता युक्त जीवन प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।