नई दिल्ली! अमेठी के सांसद किशोरी लाल शर्मा ने लोकसभा सत्र के दौरान केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत Health Security Se National Security Bill, 2025 का जोरदार विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि यह बिल न तो स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार की कोई गारंटी देता है और न राष्ट्रीय सुरक्षा को वास्तविक रूप से मजबूत करने वाला कदम है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य सिर्फ एक नया राजस्व-संग्रह तंत्र खड़ा करना है।
सांसद शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे दो असंबंधित क्षेत्रों को एक ही सेस में जोड़कर सरकार पारदर्शिता को कमजोर कर रही है। इससे बजट आवंटन, नीति-निर्माण और निगरानी प्रक्रियाएँ और जटिल होंगी तथा जवाबदेही कम होगी।
उन्होंने सदन में CAG की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि पिछले सेसों के हजारों करोड़ रुपये अपने निर्धारित फंड में कभी ट्रांसफर नहीं हुए।
• Secondary & Higher Education Cess के 94,036 करोड़ रुपये सही खाते में नहीं पहुंचे।
• 3.69 लाख करोड़ रुपये विभिन्न सेस और सरचार्ज के ऐसे हैं जिनका कोई स्पष्ट हिसाब मौजूद नहीं है।
ऐसे में नया सेस लाने का कोई औचित्य ही नहीं बचता।
सांसद शर्मा ने चेतावनी दी कि प्रस्तावित सेस छोटे और मध्यम उद्योगों पर भारी बोझ डाल देगा, क्योंकि दरें मशीनों की संख्या, क्षमता और प्रक्रिया के आधार पर ऐसी तय की गई हैं कि छोटे निर्माता इसका बोझ सहन नहीं कर पाएँगे। उन्होंने बिल में शामिल व्यापक विवेकाधिकार शक्तियों को “लोकतांत्रिक ढाँचे के लिए खतरनाक” बताया, क्योंकि इससे कराधान तंत्र पूरी तरह कार्यपालिका के नियंत्रण में चला जाएगा।
सांसद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह बिल—
• राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता कम करता है,
• उद्योग और रोजगार पर प्रतिकूल असर डालता है,
• पारदर्शिता घटाता है,
• पुराने सेस घोटालों को छिपाने का प्रयास है,
• जनता पर अतिरिक्त बोझ डालता है,
• और केंद्र सरकार को अनियंत्रित शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने मांग की कि सरकार इस बिल को तुरंत वापस ले।
