बाराबंकी। घर के बंटवारे को लेकर उपजे पारिवारिक विवाद ने गुरुवार को एक दिल दहला देने वाला रूप ले लिया। कोतवाली नगर क्षेत्र के बड़ेल निवासी उमा दत्त शंकर मिश्रा (उमाशंकर) की उनके ही सगे भाइयों और भतीजों ने लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
बताया गया कि 25 दिसंबर की सुबह उमा दत्त शंकर मिश्रा अपने घर के बाहर झाड़ू लगा रहे थे। तभी वहां उनके बड़े भाई विजय शंकर मिश्रा, मंझले भाई राम शंकर मिश्रा, भतीजे धर्मेंद्र मिश्रा, उपेंद्र मिश्रा, रुपेश और श्रवण मिश्रा पहुंच गए और अचानक लाठियों से हमला कर दिया। जब तक परिवार के अन्य लोग मौके पर पहुंचते और कुछ समझ पाते, तब तक हमलावरों ने उमा दत्त को बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया।
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। कोतवाली नगर प्रभारी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि मृतक के पुत्र आदर्श की तहरीर पर सभी सात नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। कुछ आरोपियों को हिरासत में लिया गया है और शेष की तलाश की जा रही है।
परिजनों ने बताया कि उमाशंकर तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके पिता ब्रह्म दत्त मिश्रा की एक वर्ष पूर्व बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी। मृत्यु से पहले उन्होंने अपनी जमीन तीनों पुत्रों के नाम वसीयत कर दी थी, लेकिन मकान का बंटवारा नहीं हो पाया था। मकान पर विजय शंकर और राम शंकर का कब्जा था, जबकि उमाशंकर लगातार अपने हिस्से की मांग कर रहे थे।
परिजनों के अनुसार उमाशंकर ने 24 दिसंबर को ही नगर कोतवाली और तहसील दिवस में मकान बंटवारे को लेकर शिकायत की थी, जिस पर एक जनवरी 2026 को बंटवारे की तारीख तय हुई थी। इसी बात से नाराज होकर बड़े और मंझले भाई ने कथित रूप से हत्या की साजिश रची और इस खौफनाक वारदात को अंजाम दे दिया।
इस निर्मम घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि संपत्ति का लालच किस तरह रिश्तों को तार-तार कर देता है। एक ही आंगन में पले-बढ़े भाइयों के बीच खून बह जाने से गांव और परिवार दोनों शोक में डूबे हैं।
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