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ब्रिटेन के ब्रिस्टल म्यूज़ियम से भारतीय औपनिवेशिक काल की दुर्लभ कलाकृतियां चोरी


ब्रिटेन के ब्रिस्टल शहर के म्यूज़ियम में ब्रिटिश औपनिवेशिक काल की सैकड़ों बहुमूल्य कलाकृतियाँ चोरी हो गईं, जिनमें कई महत्वपूर्ण भारतीय वस्तुएं भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, चोरों ने म्यूज़ियम के उस स्टोरेज में सेंध लगाई जहां ब्रिटिश एम्पायर एंड कॉमनवेल्थ कलेक्शन रखा जाता है। दो महीने से ज्यादा समय बाद अब पुलिस ने घटनास्थल के आसपास दिखे चार सफेद पुरुषों की धुंधली CCTV तस्वीरें जारी की हैं और जनता से इनकी पहचान करने में मदद मांगी है। चोरी हुई प्रमुख भारतीय कलाकृतियाँचोरी हुई वस्तुओं में कई गहरे ऐतिहासिक महत्व वाली भारतीय कलाकृतियाँ शामिल हैं।

चोरी हुई भारतीय वस्तुओं में ईस्ट इंडिया कंपनी के एक अधिकारी की बेल्ट प्लेट माउंट, जिस पर कंपनी का मूल मंत्र लिखा है: “Auspicio Regis et Senatus Angliae”, इसके अलावा नक्काशीदार हाथी दांत, सात सर्प-मुंडों वाले पत्थर के आधार पर रखी हाथी दांत की बनी बुद्ध की मूर्ति, 1838 का अमेरिकी गुलामी-विरोधी आंदोलन का स्मृति टोकन, इसके अलावा सैन्य स्मृतिचिह्न, पुराने आभूषण, चांदी की वस्तुएं, कांस्य मूर्तियां और भूवैज्ञानिक नमूने भी गायब हैं। म्यूज़ियम के संग्रह में भारत से जुड़ी अन्य उल्लेखनीय वस्तुएँ भी हैं (जिनके चोरी होने की अभी पुष्टि नहीं हुई)। इसमें 1903 दिल्ली दरबार की पेंटिंग (जिसमें एडवर्ड सप्तम को भारत का सम्राट घोषित किया गया था), इसके अलावा उत्तर-पश्चिमी सीमांत (अब पाकिस्तान) पर तैनात ब्रिटिश सैनिक जोसेफ स्टीफेंस के लिखे 250 से अधिक पत्र, 1930 के दशक में भारतीय रेलवे के साथ काम करने वाले मुंबई में जन्मे पोस्टर कलाकार विक्टर वीवर्स की पुरानी तस्वीरें शामिल हैं।

ब्रिस्टल सिटी काउंसिल के सांस्कृतिक मामलों के प्रमुख फिलिप वॉकर ने कहा, “ये वस्तुएँ सिर्फ म्यूज़ियम के टुकड़े नहीं, बल्कि पूर्व ब्रिटिश साम्राज्य के व्यक्तिगत, सामाजिक और राजनीतिक इतिहास का हिस्सा हैं। इनका गायब होना उस युग के जीवन की बहुमूल्य जानकारी छीन लेता है। डिटेक्टिव कांस्टेबल डैन बर्गन ने कहा, “सांस्कृतिक महत्व वाली कई वस्तुओं की चोरी शहर के लिए बड़ा नुकसान है। ये ज्यादातर दान में मिली वस्तुएं थीं जो ब्रिटिश इतिहास के एक जटिल हिस्से को समझने में मदद करती थीं। हम उम्मीद करते हैं कि जनता हमें दोषियों तक पहुंचने में मदद करेगी।”

इस मामले में पुलिस चार संदिग्ध लोगों की तलाश कर रही है जो चोरी के समय साइट के आसपास CCTV में दिखे। उनमें से एक सफेद टोपी, काली जैकेट, हल्की पतलून, काले जूते में है। वहीं दूसरा ग्रे हुडी, काली पतलून, काले जूते हरी टोपी में है। जबकि तीसरा काली जैकेट, हल्की शॉर्ट्स, सफेद जूते, मोटे कद-काठी वाला व्यक्ति -दो रंग की (नारंगी और गहरी नीली/काली) पैडेड जैकेट में है और चौथा काली पतलून, काले-सफेद जूते पहने हुए हैं।

दो महीने पहले चोरी हुई थी। सीसीटीव फुटेज अब जारी किया गया है। पुलिस का कहना है कि जनता की मदद से पहचान महत्वपूर्ण हो सकती है। यह घटना ऐसे समय हुई है जब यूरोप के म्यूज़ियम लगातार निशाने पर हैं। इससे पहले अक्टूबर में पेरिस के लूव्र म्यूज़ियम से क्राउन ज्वेल्स चोरी हुए, कुछ हफ्ते बाद स्विट्जरलैंड में गार्ड को बंधक बनाकर दर्जनों प्राचीन स्वर्ण सिक्के लूट लिए गए। अब आशंका है कि ब्रिस्टल की ये अनमोल भारतीय और औपनिवेशिक कलाकृतियां काले बाजार या निजी संग्रह में हमेशा के लिए गायब न हो जाएं।

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