24 दिसंबर को पौष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और बुधवार का दिन है। चतुर्थी तिथि बुधवार दोपहर 1 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। 24 दिसंबर को शाम 4 बजकर 2 मिनट तक हर्षण योग रहेगा। साथ ही बुधवार को पूरा दिन पूरी रात पार कर के गुरुवार सुबह 8 बजकर 19 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। इसके अलावा 24 दिसंबर से पंचक प्रारंभ है। साथ ही बुधवार को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत है। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए बुधवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय।
24 दिसंबर 2025 का शुभ मुहूर्त
पौष कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि- 24 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 12 मिनट तक
हर्षण योग- 24 दिसंबर को शाम 4 बजकर 2 मिनट तक
धनिष्ठा नक्षत्र- 18 दिसंबर को रात 8 बजकर 7 मिनट तक
24 दिसंबर 2025 व्रत-त्यौहार- वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत
24 दिसंबर विशेष- पंचक प्रारंभ
राहुकाल का समय
हर्षण योग- 24 दिसंबर को शाम 4 बजकर 2 मिनट तक
धनिष्ठा नक्षत्र- 18 दिसंबर को रात 8 बजकर 7 मिनट तक
24 दिसंबर 2025 व्रत-त्यौहार- वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत
24 दिसंबर विशेष- पंचक प्रारंभ
राहुकाल का समय
दिल्ली- दोपहर 12:20-01:38 PM
मुंबई- दोपहर 12:38-02:00 PM
चंडीगढ़- दोपहर 12:22-01:38 PM
लखनऊ- दोपहर 12:06-01:24 PM
भोपाल- दोपहर 12:19-01:40 PM
कोलकाता- दोपहर पहले 11:36-12:56 PM
अहमदाबाद- दोपहर 12:38-02:01 PM
चेन्नई- दोपहर 12:08-01:33 PM
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
मुंबई- दोपहर 12:38-02:00 PM
चंडीगढ़- दोपहर 12:22-01:38 PM
लखनऊ- दोपहर 12:06-01:24 PM
भोपाल- दोपहर 12:19-01:40 PM
कोलकाता- दोपहर पहले 11:36-12:56 PM
अहमदाबाद- दोपहर 12:38-02:01 PM
चेन्नई- दोपहर 12:08-01:33 PM
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय का समय- सुबह 07:10 बजे
सूर्यास्त का समय- शाम 5:30 बजे
विनायक चतुर्थी व्रत
प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी गणेश चतुर्थी और शुक्ल पक्ष को विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा का विधान है। गणेश जी की उपासना शीघ्र फलदायी मानी गई है। विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी के निमित्त व्रत करने से व्यक्ति की समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही हर तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है, ज्ञान की प्राप्ति होती है और धन-संपत्ति में भी बढ़ोतरी होती है।
सूर्यास्त का समय- शाम 5:30 बजे
विनायक चतुर्थी व्रत
प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी गणेश चतुर्थी और शुक्ल पक्ष को विनायक चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा का विधान है। गणेश जी की उपासना शीघ्र फलदायी मानी गई है। विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी के निमित्त व्रत करने से व्यक्ति की समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही हर तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है, ज्ञान की प्राप्ति होती है और धन-संपत्ति में भी बढ़ोतरी होती है।
