संग्रामपुर: मुंशीगंज थाना प्रभारी और अधिवक्ताओं ने पेश की मिशाल
December 01, 2025
संग्रामपुर/अमेठी। बीते कुछ सालों से अमेठी जनपद के मुंशीगंज थाना क्षेत्र के शाहगढ़ ब्लॉक के दीन बन्धु पाण्डेय का पुरवा नवाडीह गांव में एक ही घर के मुसलमान लड़के मिराज आलम और नौशाद आलम का आतंक मचा हुआ था। कभी बड़ा भाई हिन्दू बेटी के साथ खिलवाड़ करता है तो कभी छोटा भाई। गांव में भी हिन्दू ब्राह्मण लड़कों के साथ भी आए दिन ये मुस्लिम लड़के मारपीट और धमकाते रहते हैं। नौशाद आलम ही एक बार फेसबुक पर पोस्ट किया था कि ष्एकता नहीं है मुस्लिमों में नहीं तो पूरे हिन्दुस्तान में बाबरी मस्जिद बनवा देते जिस पर शाहगढ़ के हिन्दू लड़के इसका खूब विरोध किए थे लेकिन कुछ बिगाड़ न सके। यहीं तक नहीं अगर उस गांव में कोई हिन्दू परिवार का घर भी बनवाता है तो उसको भी रुकवाने में कोई कसर ये सब नहीं छोड़ते हैं। अगर गलती से कोई पुलिस केस करने जाता है तो उल्टा पुलिस वाले उसी को धमकाने लगते हैं। क्योंकि परिवार में ही इनके ग्राम प्रधानी और आरा मशीन भी है। इनमें एकता और धन-बल से मजबूत होने के कारण इनके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाता है। इसीलिए ये सब पुलिस वाले को खर्चा पानी देते रहते हैं इससे इनका पुलिस वाले के साथ खूब अच्छा व्यवहार बना हुआ है। थाने व चैकी के पुलिस वाले भी इनसे मिले रहते है इसलिए क्योंकि मुंशीगंज थाना क्षेत्र में तैनात लेडी पुलिस शैलजा वर्मा और शाहगढ़ ब्लॉक के पूर्व चैकी प्रभारी राजकुमार यादव पर मुल्जिम के पक्ष में बोलकर पीड़िता को ही धमकाने का आरोप लगा था जोकि ये सब खुद पीड़िता और उसके घर वाले को बयान बदलने के लिए डरवाते और धमकाते हैं। सिर्फ मुंशीगंज थाना प्रभारी की सक्रियता के कारण ही कार्यवाही हो पाती है। नौशाद आलम अभी जेल में है उसके बावजूद उसका बड़ा भाई मिराज आलम पीड़िता के घर वालों को जबरन सुलह समझौता का दबाव बनाता है और धमकी देता है कि ष्हम मुस्लिम है हमारे में एकता होती है एक बार बेल हो तो तुमको सबको बताता हूं।अभी उसकी बेल नहीं हुई है। सुल्तानपुर कोर्ट में पीड़िता के शासकीय अधिवक्ता पवन दुबे ,अधिवक्ता विवेक दुबे और हिमांशु त्रिपाठी ने उसकी बेल खारिज करवाकर उसको हाइकोर्ट बेल के लिए भेज दिया। उसके बाद पीड़िता के अधिवक्ता सुधाकर मिश्रा और अधिवक्ता विवेक त्रिपाठी ने पूरा जोर लगाकर उसकी बेल नहीं होने दे रहे हैं। हमारे हिन्दू समाज में ऐसे ही पुलिस अधिकारी व अधिवक्ताओं की जरूरत है। जो समय पड़ने पर हिन्दू समाज के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर सके।
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