कच्चा आंवला या आंवले का जूस, रोजाना किसका सेवन करना है सेहत के लिए ज़्यादा फायदेमंद? जानें
December 08, 2025
आंवला, का सेवन लोग सर्दियों के मौसम में खूब करते हैं। इसे एक सुपरफूड माना जाता है इसलिए सदियों से इसका इस्तेमाल दवाइयों में भी किया जाता रहा है। इम्यूनिटी बढ़ाने से लेकर सेहत को बेहतर बनाने तक, इस फल का कोई जवाब नहीं है। लेकिन जब आंवले को रोज़ाना के रूटीन में शामिल करने की बात आती है, तो एक सवाल उठता है क्या इसे कच्चा खाना बेहतर है, या जूस के रूप में? चलिए हम आपको बताते हैं।
आंवला को सुपरफ्रूट कहा जाता है। इसमें विटामिन C भरपूर होता है, जो इम्यूनिटी को सपोर्ट करता है, और इसमें पॉलीफेनोल, फ्लेवोनॉयड और टैनिन होते हैं जो नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम करते हैं। स्टडीज़ से यह पता चलता है कि आंवला कोलेस्ट्रॉल लेवल को बेहतर बनाकर और सूजन को कम करके दिल की सेहत को सपोर्ट कर सकता है। इसके अलावा, रिसर्च से पता चलता है कि इसके भरपूर एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों की वजह से स्किन, मेटाबॉलिज्म और पूरी सेलुलर सुरक्षा के लिए इसके फायदे हो सकते हैं।
कच्चा आंवला में विटामिन C के साथ-साथ डाइटरी फाइबर, पॉलीफेनोल, फ्लेवोनॉयड और टैनिन बहुत ज़्यादा होते हैं। जब आंवला पूरा खाया जाता है, तो इसका नेचुरल फाइबर डाइजेशन और एब्जॉर्प्शन को धीमा कर देता है, जिससे एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C धीरे-धीरे रिलीज होते हैं। यह धीरे-धीरे रिलीज होने वाला असर मेटाबोलिक फायदे बढ़ाता है, खासकर ब्लड शुगर कंट्रोल और लिपिड मेटाबॉलिज्म के लिए।
वहीं, आंवला जूस इसलिए पॉपुलर है क्योंकि इसे पीना आसान है। हालांकि, जूस पीने से ज़्यादातर फाइबर निकल जाता है, जिससे शरीर में न्यूट्रिएंट्स के काम करने का तरीका बदल सकता है। आंवले के जूस से विटामिन C और पॉलीफेनॉल तेज़ी से एब्ज़ॉर्ब होते हैं। लेकिन प्रोसेसिंग और स्टोरेज से न्यूट्रिएंट्स खराब हो सकते हैं। रिसर्च से पता चलता है कि ताज़े फलों की तुलना में जूस में समय के साथ विटामिन C की मात्रा कम हो जाती हैं।
कच्चा आंवला और आंवले का जूस दोनों ही सेहत के लिए अच्छे फायदे देते हैं, लेकिन लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए कच्चा आंवला ज़्यादा हेल्दी ऑप्शन है। आंवले को पूरा खाने से उसका न्यूट्रिएंट बना रहता है, जो डाइजेशन, गट हेल्थ में मदद करता है। कच्चे आंवले की फाइबर से भरपूर बनावट विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स को धीरे-धीरे रिलीज़ होने देती है।
