Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

संग्रामपुर: माया का खेल समझना सबके बस की बात नही- साध्वी पूजा शास्त्री


संग्रामपुर/अमेठी। माया का खेल समझना सबके बस की बात नही है। जादूगर का जमुड़ाबने बिना जादू समझना मुश्किल है। उसी प्रकार सच्चिदानंद को समझना आसान नही है। सेहद बाबा आश्रम पर चल रही श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन उक्त बातें कथाकार ने कही। टीकरमाफी स्थित सेहद बाबा आश्रम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भागवत मर्मज्ञ साध्वी पूजा शास्त्री ने महराज उत्तानपाद के कथा के वर्णन के साथ ही सुदामा चरित्र का बखान किया। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार ध्रुव आज भी आकाशमंडल में तारा बनकर चमक रहा है, उसी प्रकार सुदामा और भगवान के मिलन की कथा भी भक्ति भाव से गाई जा रही है। कथा व्यास ने बताया कि तीनों लोक में तीन लोग के प्रेम में कोई भी कारण नहीं होता है। पहला भगवान, दूसरा भक्त और तीसरा मां होती है। इनके प्रेम में कोई स्वार्थ नहीं होता है। पानी परात को हाथ छुए नहीं नैनन के जल सो पग धोए का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। कथा व्यास ने बताया कि मेहमान को देखकर जिस गृहस्थ को दुख ईर्ष्या होती है वह नरक का गामी होता है। श्रीमद्भागवत कथा में श्यामलाल, राम अवतार, शेर बहादुर, फूलचंद्र, कृष्ण चंद्र, केदारनाथ, ज्वाला प्रसाद,  बीडीसी, उदय राज मौर्य, संत कुमार, कमल कुमार, रामजस, शीतला प्रसाद, संतोष कुमार, राजेंद्र गुप्ता, सुरेश कुमार, राज बहादुर चैहान, राम अवध मौर्य, शैलेश मौर्य, रजनीश कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |