ग्रेटर नोएडा। कस्बा बिलासपुर के आसपास पर्यावरण के साथ गंभीर खिलवाड़ का मामला सामने आया है। खसरा संख्या 1184 में लगभग 70 आम के पेड़, 10 बेल पत्थर के पेड़ और 200 से 300 वर्ष पुराना एक विशाल बरगद का पेड़ अवैध रूप से नष्ट कर कॉलोनी विकसित की जा रही है। आरोप है कि पेड़ों को पहले तेजाब डालकर सुखाया जाता है, फिर साठ-गांठ के सहारे उन्हें काट दिया जाता है, ताकि अवैध कॉलोनी बसाने का रास्ता साफ हो सके।
इतना ही नहीं, कुछ दूरी पर “एवर ग्रीन फार्म” के नाम से भी फार्मध्कॉलोनी काटी जा रही है, जहां पहले लगभग 700 आम के पेड़ मौजूद थे। वर्तमान में इनमें से केवल 200 से 300 पेड़ ही बचे हैं, जिन्हें भी तेजाब डालकर धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। यह पूरी भूमि बाग की श्रेणी में आती है, लेकिन भूमाफियाओं द्वारा खुलेआम पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। वहीं, बिलासपुर जो कि नगर पंचायत क्षेत्र है, वहां स्थित एक बड़ा तालाबध्पोखर भी धीरे-धीरे अतिक्रमण की चपेट में आ रहा है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह जलस्रोत पूरी तरह समाप्त हो सकता है।
स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही आम के बागों को काटकर अवैध कॉलोनियां बसाने की प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए और पोखरध्तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।
यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था का है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को बचाने की भी बड़ी चुनौती बन चुका है।
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