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बच्चा तस्करी का मामला उठाने वाली पर हुई कार्रवाई पर भड़का सुप्रीम कोर्ट! 55 मिनट में सफाई कर्मचारी बहाल नहीं हुई तो अधिकारी होगा सस्पेंड


सुप्रीम कोर्ट ने ठेकेदार के जरिए वाराणसी नगर निगम में काम कर रही सफाईकर्मी पिंकी और उसके पति को तुरंत नौकरी पर बहाल करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने उनकी बर्खास्तगी को साफ तौर पर बदले की कार्रवाई कहा. दरअसल, पिंकी ने बच्चों की तस्करी से जुड़ा एक मामला सुप्रीम कोर्ट में रखा था. उस मामले में कोर्ट की सख्ती के बाद कई लोगों को सजा हुई है.

मामले में एमिकस क्यूरी के तौर पर कोर्ट की सहायता कर रही वरिष्ठ वकील अपर्णा भट्ट ने जस्टिस जे बी पारडीवाला की अध्यक्षता वाली 2 जजों की बेंच को मामले की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दोनों लगभग 1 साल से काम कर रहे थे. जब उन्होंने बच्चों की तस्करी का मामला सुप्रीम कोर्ट में रखा, कॉन्ट्रेक्टर ने बिना किसी नोटिस और उचित कानूनी प्रक्रिया के उनकी सेवा समाप्त कर दी. सेवा रजिस्टर में इस बर्खास्तगी की वजह तक दर्ज नहीं की गई है.

जस्टिस पारडीवाला ने इसे अत्यंत गंभीर मामला बताते हुए कहा, 'यह तो उनके संवैधानिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है. अदालत में आना कोई अपराध नहीं है. गरीब व्यक्ति जब कोर्ट में आता है, तो उसे सुरक्षा मिलनी चाहिए, न कि प्रताड़ना.' सुबह लगभग 11:05 पर कोर्ट ने आदेश दिया, 'दोपहर 12 बजे तक यानी अगले 55 मिनट में दोनों को बहाल किया जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी को निलंबित कर देंगे.'

28 मार्च 2023 की रात वाराणसी के अंधरापुल के नीचे सो रहे सफाई मित्र दंपति की 1 साल की बच्ची गायब हो गई. उन्होंने चेतगंज थाने में अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस की ढीली जांच के चलते 2 साल तक बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला. एक एनजीओ के सहयोग से पिंकी सुप्रीम कोर्ट पहुंची. इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई. आखिरकार, 20 मार्च 2025 को कोलकाता से बच्ची को बरामद किया गया. कई राज्यों में फैले बच्चा तस्करी नेटवर्क की भी जानकारी मिली.

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