प्रशांत वीर ने इस टूर्नामेंट में बल्ले से जिस तरह का प्रदर्शन किया, वह किसी भी उभरते क्रिकेटर के लिए प्रेरणा है. उन्होंने 7 मैचों में 376 रन ठोक दिए. खास बात यह रही कि उन्होंने ये रन 94 की दमदार औसत से बनाए. उनके बल्ले से 19 छक्के और 32 चौके निकले, जिससे यह साफ होता है कि वह बड़े शॉट खेलने में माहिर हैं. टूर्नामेंट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 87 रन रहा और उन्होंने कुल 4 अर्धशतक जमाए.
युवराज सिंह को अपना आदर्श मानने वाले प्रशांत, उन्हीं की तरह 12 नंबर की जर्सी पहनते हैं और उनका खेल भी उसी अंदाज की झलक देता है.
सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं, प्रशांत ने गेंद से भी लगातार विकेट चटकाकर विपक्षी टीमों को परेशान किया. उन्होंने 7 मैचों में 18 विकेट लिए. इस दौरान उनकी इकॉनमी 5.36 की और औसत 18.77 का रहा. एक बार उन्होंने 5 विकेट झटके, जबकि एक मैच में 4 विकेट भी हासिल किए. वह यूपी के सबसे सफल गेंदबाज रहे और पूरे टूर्नामेंट के टॉप 3 गेंदबाजों में शामिल रहे.
प्रशांत वीर की यह सफलता और भी खास इसलिए है, क्योंकि कुछ महीने पहले उन्हें एक मैच के दौरान गंभीर चोट लगी थी. दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में कैच लेने के दौरान वह अपने साथी खिलाड़ी से टकरा गए थे, जिसकी वजह से उनके चेहरे पर 7 टांके लगाने पड़े. चोट के चलते उन्हें कुछ दिनों के लिए क्रिकेट से दूर रहना पड़ा. इसके बाद मैदान पर उनकी वापसी ने साबित कर दिया कि वह न सिर्फ फिट हैं, बल्कि पहले से भी ज्यादा मजबूत होकर लौटे हैं.
