Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

बाराबंकी: किसानों का सब्र टूटा! लंबित समस्याओं पर भाकियू (भदौरिया) काअल्टीमेटमः 22 जनवरी को गनेशपुर में होगी किसान महापंचायत


रामनगर/बाराबंकी। तहसील रामनगर में एक बार फिर किसानों का दर्द सड़कों पर आने को तैयार है। वर्षों से अपनी जायज मांगों और समस्याओं को लेकर भटक रहे किसानों का सब्र अब जवाब दे गया है। भारतीय किसान यूनियन (भदौरिया) ने प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो 22 जनवरी 2026 को गनेशपुर में विशाल किसान महापंचायत का आयोजन किया जाएगा।भारतीय किसान यूनियन (भदौरिया) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठा० हाकिम सिंह भदौरिया के नेतृत्व में तहसीलदार रामनगर विपुल सिंह को संबोधित एक चेतावनी पत्र सौंपा गया। पत्र में किसानों की पीड़ा, टूटते भरोसे और प्रशासनिक उदासीनता का दर्द साफ झलकता नजर आया। संगठन ने बताया कि 18 सितंबर 2025 को गनेशपुर मोड़ पर आयोजित किसान महापंचायत में किसानों ने अपनी समस्याएं प्रशासन के सामने रखी थीं। उस समय तत्कालीन नायब तहसीलदार विजय प्रकाश तिवारी ने 15 दिनों के भीतर सभी लंबित समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी एक भी समस्या का निस्तारण नहीं किया गया।किसान यूनियन ने इसे किसानों के साथ विश्वासघात बताते हुए कहा कि प्रशासन की बेरुखी ने किसानों को दोबारा आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया है। पत्र में साफ शब्दों में लिखा गया है कि यदि 22 जनवरी 2026 की महापंचायत के बाद भी किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो किसान शांतिपूर्ण ढंग से पैदल मार्च करते हुए लखनऊ जाकर माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार से न्याय की गुहार लगाएंगे।संगठन ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित किसान पैदल मार्च के दौरान किसानों की सुरक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। किसान यूनियन ने प्रशासन से अपील की है कि समय रहते समस्याओं का समाधान कर आंदोलन को टालने का प्रयास किया जाए, ताकि किसानों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर न होना पड़े।

इस मौके पर अवधेश यादव राष्ट्रीय सचिव, इंद्र कुमार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भोला रावत जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा, शिवकुमार जिला अध्यक्ष बहराइच सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी के चेहरों पर किसानों के हक के लिए संघर्ष का संकल्प और प्रशासन से उपेक्षा का दर्द साफ दिखाई दे रहा था।

अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन किसानों की इस अंतिम चेतावनी को गंभीरता से लेगा, या फिर एक बार फिर किसान अपने हक की लड़ाई के लिए आंदोलन की राह पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |