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धर्मेंद्र के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हुए भावुक


हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन हो गया है. 89 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. लंबे समय से बीमार चल रहे धर्मेंद्र को सांस लेने में दिक्कत थी और उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था. उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में नियमित जांच और उपचार के लिए भर्ती कराया गया था. अस्पताल में कुछ दिनों तक इलाज के बाद उनकी हालत में हल्का सुधार हुआ और उन्हें घर ले जाया गया, ताकि परिवार के बीच उनका इलाज किया जा सके. धर्मेंद्र के घर पर उनकी देखभाल के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, लेकिन उनका स्वास्थ्य लगातार कमजोर होता गया.

धर्मेंद्र के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भावुक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा कि भारतीय फ़िल्म जगत ने आज एक बहुमूल्य सितारा खो दिया. मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे. 2012 में पद्मभूषण से सम्मानित, धर्मेंद्र ने दशकों तक सिनेमा प्रेमियों के दिलों पर राज किया और अपने अभूतपूर्व अभिनय व सादगीपूर्ण जीवन से एक गहरी छाप छोड़ी. उनका निधन एक युग का अंत है. दुःख की इस घड़ी में मैं उनके परिवार और करोड़ों प्रशंसकों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे.

धर्मेंद्र को सांस लेने में कठिनाई के अलावा कई अन्य उम्र संबंधी समस्याएं भी थीं. अस्पताल और घर में लगातार उपचार और निगरानी के बावजूद उनकी हालत गंभीर बनी रही. उनके परिवार के सदस्य लगातार उनकी देखभाल में जुटे रहे. धर्मेंद्र के घर पर एम्बुलेंस और डॉक्टरों की व्यवस्था की गई थी, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद उपलब्ध हो सके. उनके फैंस और फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग भी उनके स्वास्थ्य के बारे में लगातार अपडेट लेते रहे. सलमान खान, शाहरुख खान और गोविंदा जैसी कई हस्तियों ने अस्पताल और घर पर जाकर धर्मेंद्र से हालचाल लिया था. उनके निधन की खबर सुनते ही पूरे फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई.

धर्मेंद्र का करियर हिंदी सिनेमा में लगभग छह दशकों का रहा है. उन्हें बॉलीवुड का 'ही-मैन' कहा जाता था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1960 में फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से की थी. इसके बाद उन्होंने 'शोला और शबनम', 'अनपढ़', 'बंदिनी', 'पूजा के फूल', 'हकीकत', 'फूल और पत्थर', 'अनुपमा', 'खामोशी', 'प्यार ही प्यार', 'तुम हसीन मैं जवां', 'सीता और गीता', 'यादों की बारात' और 'शोले' जैसी कई यादगार फिल्मों में काम किया.धर्मेंद्र ने दमदार अभिनय के दम पर दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई. उन्होंने अपने करियर में कई पुरस्कार भी जीते. साल 2012 में उन्हें भारत सरकार के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. इसके अलावा, उन्होंने कई फिल्मफेयर पुरस्कार भी अपने नाम किए. उन्होंने कई बार आलोचकों और दर्शकों की प्रशंसा भी हासिल की. उनके योगदान के कारण उन्हें बॉलीवुड के सबसे महान और प्रतिष्ठित अभिनेताओं में गिना जाता है.

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