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मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के गढ़ में विद्रोह, कोडंगल में कॉलेज शिफ्ट करने के विरोध में बंद


तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को उनके अपने चुनावी क्षेत्र से ऐसा झटका लगा है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. उनके संसदीय क्षेत्र कोडंगल में आज सोमवार (24 नवंबर, 2025) को स्थिति तनावपूर्ण है, जहां व्यापारी समुदाय और स्थानीय लोग सरकार के एक फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. कोडंगल अभिवृद्धि परिरक्षण ऐक्य कार्यवाही समिति के नेतृत्व में लोग मेडिकल कॉलेज, वेटरनरी कॉलेज, नर्सिंग और यंग इंडिया इंटीग्रेटेड कॉलेज को कोडंगल से दुद्याल मंडल में शिफ्ट किए जाने के विरोध में स्वैच्छिक बंद का पालन कर रहे हैं.

एक बुजुर्ग आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने सरकार की उदासीनता और वादाखिलाफी के खिलाफ आवाज उठाती नजर आ रही हैं. निर्मल जिले से धरना प्रदर्शन करने आई इस महिला ने कहा कि कैसे 6 महीने से बकाया वेतन और बच्चों को बांटे जाने वाले घटिया क्वालिटी के चावल ने उनकी जिंदगी नर्क बना दी है.

बुजुर्ग महिला अपनी व्यथा सुनाते हुए फूट-फूटकर रोती है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से मिड-डे मील योजना के तहत दिए जाने वाले चावल की गुणवत्ता इतनी खराब है कि वह पकाने पर हलवा (घटका) की तरह जम जाता है. वह कहती हैं, ‘बच्चे खाना नहीं खा रहे हैं, हमें बहुत दुख हो रहा है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि बारीक चावल (सन्ना बिय्यम) के नाम पर उन्हें मिट्टी जैसा चावल दिया जा रहा है.

वेतन की समस्या पर बुजुर्ग महिला ने कहा, ‘उन्होंने कहा था मैं सब दूंगा, सब दूंगा और अब हमें यहां लाकर रोड पर खड़ा कर दिया है.’ उन्होंने कहा कि उनका 6 महीने का वेतन अभी तक बकाया है और उन्हें एक रुपये भी नहीं मिला है. इस उम्र में पैसों के अभाव में उन्हें कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, यह भावुक होकर बताया.

अपनी और बच्चों की जिंदगी चलाने के लिए यह कार्यकर्ता ब्याज पर पैसे उधार लेने को मजबूर है. वह कहती हैं, ‘हम लोगों के पैर पड़ रहे हैं, गिड़गिड़ाते हैं कि 1000-2000 रुपये दे दो.’ जब वे दुकान से दाल, नमक जैसी बुनियादी चीजें खरीदने जाती हैं, तो दुकानदार पिछला कर्ज चुकाने के लिए कहते हैं, जिससे उन्हें और अपमानित होना पड़ता है.

इस बुजुर्ग महिला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें जल्द ही उनका वेतन नहीं दिया गया और राशन की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया गया, तो वे और उनके साथी कर्मी आंदोलन को और तेज करेंगी. उन्होंने सरकार से सीधा सवाल किया, ‘आप या तो हमें अच्छा राशन दो या फिर हमारा बकाया वेतन दो.’ यह सिर्फ एक महिला की कहानी नहीं, बल्कि तेलंगाना के हजारों ऐसे कर्मचारियों की आवाज है, जो बच्चों के भविष्य को संवारते हुए खुद गरीबी और उपेक्षा का जीवन जी रहे हैं.

यह विरोध प्रदर्शन इसलिए और महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सीएम रेवंत रेड्डी के अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र में हो रहा है. समिति ने आज सोमवार (24 नवंबर, 2025) को कोडंगल में होने वाले मुख्यमंत्री की जनसभा कार्यक्रम का बहिष्कार करने की अपील की है और उनके कार्यक्रम स्थल पर जाने से परहेज करने को कहा है. कोडंगल कस्बे के बाजार पूरी तरह बंद हैं और लोग अपना आक्रोश स्पष्ट रूप से जता रहे हैं. यह घटनाक्रम मुख्यमंत्री के लिए उनके ही गृह क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है और यह दर्शाता है कि स्थानीय विकास के मुद्दे कितने गंभीर हैं, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता.

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