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पुतिन और नेतन्याहू में गाजा के मुद्दे पर पहली बार हुई फोन पर बात


रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच गाजा मुद्दे पर पहली बार शनिवार रात फोन पर विस्तृत बातचीत हुई। यह वार्ता खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अमेरिकी प्रस्ताव पर मतदान से ठीक पहले गाजा पट्टी में युद्धविराम समझौते के कार्यान्वयन और मानवाधिकारों के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दोनों नेताओं ने इस दौरान मध्य पूर्व की तनावपूर्ण स्थिति पर गहन विचार-विमर्श किया।

न्यूज के अनुसार इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया कि वार्ता की पहल रूस की ओर से की गई। नेतन्याहू के कार्यालय के अनुसार यह हाल की श्रृंखला में एक और कॉल थी, जो क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्रित रही। क्रेमलिन ने बताया कि दोनों नेताओं ने मध्य पूर्व की स्थिति पर "गहन विचारों का आदान-प्रदान" किया, जिसमें गाजा पट्टी के विकास, युद्धविराम समझौते का अमल, हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की अदला-बदली, ईरान के परमाणु कार्यक्रम की स्थिति और सीरिया में आगे स्थिरता बढ़ाने के प्रयास शामिल थे।

इजरायल और रूस के बीच यह वार्ता ऐसे समय में हुई जब 17 नवंबर को यूएनएससी में अमेरिका द्वारा प्रस्तावित संकल्प पर मतदान होना है। यह प्रस्ताव राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20-सूत्री गाजा योजना पर आधारित है, जिसमें तत्काल युद्धविराम, इजरायली सेनाओं की चरणबद्ध वापसी, बंधकों की रिहाई, अंतरराष्ट्रीय "शांति बोर्ड" के तहत गाजा में अस्थायी प्रशासनिक व्यवस्था, क्षेत्र का विमुद्रीकरण और पुनर्निर्माण शामिल है। योजना का कार्यकाल 2027 तक निर्धारित है। हालांकि रूस ने इसका विरोध करते हुए एक वैकल्पिक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव से ट्रंप योजना के प्रावधानों को लागू करने के विकल्पों पर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। रूसी प्रस्ताव में इजरायल-फिलिस्तीन विवाद के दो-राज्य समाधान पर जोर दिया गया है, जो अमेरिकी मसौदे में पर्याप्त रूप से नहीं है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप योजना 29 सितंबर को अपना गाजा प्लान पेश किया था, जिसे 13 अक्टूबर को शर्म अल-शेख शिखर सम्मेलन में समर्थन मिला। इजरायल ने इसे स्वीकार किया, लेकिन हमास ने पूर्ण रूप से स्वीकृति नहीं दी। पिछली वार्ता अक्टूबर में हुई थी, जब ट्रंप योजना पर परामर्श चरम पर था। रूस-ईरान संबंधों के मद्देनजर यह कॉल महत्वपूर्ण है, क्योंकि मॉस्को ने जून में इजरायल-ईरान संघर्ष के दौरान अमेरिकी हवाई हमलों को "अनुप्रेरित आक्रमण" करार दिया था। रूस यूक्रेन युद्ध के लिए ईरान से हथियार प्राप्त कर रहा है, जो क्षेत्रीय गतिशीलता को प्रभावित करता है।

गाजा में युद्धविराम के बावजूद हिंसा की घटनाएं जारी हैं, जहां 2023 से चली आ रही जंग में हजारों लोग मारे गए हैं। दोनों नेताओं की यह बातचीत क्षेत्रीय शांति प्रयासों को गति दे सकती है, लेकिन रूस का अमेरिकी प्रस्ताव पर असहमति तनाव बढ़ा सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कॉल बहुपक्षीय संवाद को मजबूत करने का संकेत है, जहां रूस मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है।

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