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मल्टीप्लेक्स को हर मूवी टिकट का रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं, कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर लगी रोक


सुप्रीम कोर्ट ने मूवी टिकट बिक्री का लेखा-जोखा रखने के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट मल्टीप्लेक्स ऑपरेटर्स की ओर से हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें बेचे गए फिल्म के हर टिकट का एक व्यापक और ऑडिटेबल रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी है.

हाईकोर्ट ने 30 सितंबर को अपनी सिंगल बेंच के उस आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया था, जिसमें कर्नाटक सिनेमा (विनियमन) (संशोधन) नियम, 2025 पर अंतरिम रोक लगा दी गई थी, जिसमें सिनेमा के टिकटों की कीमत 200 रुपये तक सीमित करने की मांग की गई थी.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार खंडपीठ के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका सोमवार (3 नवंबर, 2025) को जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई. याचिकाकर्ता मल्टीप्लेक्स की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि टिकट की बिक्री सिर्फ काउंटर से नहीं, बल्कि बुक माय शो से भी होती है इसलिए उनका लेख-जोखा रख पाना आसान नहीं है. उन्होंने हाईकोर्ट के इस निर्देश पर भी आपत्ति जताई कि कैश से टिकट खरीदने वालों की आईडी डिटेल्स भी रखी जाएं.

कर्नाटक सरकार ने हाल ही में टिकटों की कीमत 200 रुपये रखने का फैसला लिया था, जिसके चलते कोर्ट ने मल्टीप्लेक्स से कहा कि जब तक यह मामला कोर्ट में है तब तक टिकट बिक्री का लेखा-जोखा रखा जाए. राज्य सरकार के वकील का कहना है कि हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में यह व्यवस्था दी थी कि अगर फैसला राज्य सरकार के पक्ष में आता है तो 200 रुपये के अलावा बाकी का पैसा उपभोक्ताओं को वापस कर दिया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस समय सिनेमा का चलन कम हो रहा है. लोगों के आने और आनंद लेने के लिए इसे और अधिक तर्कसंगत बनाया जाए. अन्यथा, हॉल खाली पड़े हैं. बेंच ने कहा कि हम खंडपीठ के इस फैसले से सहमत हैं कि टिकट की कीमत 200 रुपये होनी चाहिए.

कोर्ट मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और अन्य की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई. कोर्ट ने कर्नाटक स्टेट फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य को नोटिस जारी कर याचिका पर चार हफ्ते के अंदर जवाब मांगा. पीठ ने कहा, 'इस बीच, विवादित आदेश के प्रभाव और संचालन पर रोक रहेगी.'

हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश ने अगले आदेश तक संशोधन पर अंतरिम रोक लगा दी थी. जब मामला खंडपीठ के समक्ष आया, तो उसने कहा कि याचिका पर अंतिम निर्णय आने तक सभी संबंधित पक्षों के वित्तीय हितों की रक्षा के लिए एक अंतरिम व्यवस्था की जानी आवश्यक है.

खंडपीठ ने निर्देश पारित किए, जिनमें यह भी शामिल था कि मल्टीप्लेक्स बेचे गए प्रत्येक टिकट का व्यापक और लेखा परीक्षा योग्य रिकॉर्ड रखेंगे और इन रिकॉर्ड में बिक्री की तारीख और समय, बुकिंग का तरीका, भुगतान का तरीका, एकत्रित राशि और जीएसटी शामिल होना चाहिए. अदालत ने कहा था, 'सभी नकद लेनदेन के लिए डिजिटल रूप से पता लगाने योग्य रसीदें जारी की जानी चाहिए, और दैनिक नकद पंजी पर मल्टीप्लेक्स के प्रभारी प्रबंधक द्वारा प्रतिहस्ताक्षर किए जाने चाहिए.'

खंडपीठ ने कहा कि नकद आधारित टिकट बिक्री के लिए, मल्टीप्लेक्स को उपभोक्ताओं को क्रमांकित, समय-मुद्रित रसीदें जारी करनी होंगी. हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर के लिए निर्धारित की थी.

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