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लखनऊ: बैंक ऑफ बड़ौदा ने बड़ौदा किसान पखवाड़ाश् के 8वें संस्करण के दौरान भारत भर में 3.65 लाख से अधिक किसानों से किया संवाद


लखनऊ। भारत के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, बैंक ऑफ बड़ौदा ने 03 से 15 नवंबर 2025 तक आयोजित अपनी विशिष्ट ग्रामीण संवाद महल, श्बड़ौदा किसान पखवाड़ा के 8वें संस्करण का सफलतापूर्वक समापन किया। इस पखवाड़े के दौरान, बैंक ने देश भर में 3.65 लाख से अधिक किसानों से संपर्क स्थापित किया तथा 5,636 करोड़ रुपये से अधिक के कृषि ऋण मंजूर किए। इस वर्ष की थीम, श्आत्मनिर्भरता की ओर वित्तीय समावेशन के विस्तार और भारत के कृषक समुदाय के लिए सहयोग को बढ़ाने पर केंद्रित है।

बैंक ने देश भर में किसान मेलों, किसान बैठकों, चैपाल, क्रेडिट शिविरों और वित्तीय साक्षरता सत्रों सहित कई जमीनी स्तर की पहलों का आयोजन किया। इस दौरान किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों और कृषि औजारों, ड्रोन तकनीक और एफपीओ तथा एसएचजी ऋणों के विवरण से संबंधित जानकारी प्रदान की गई एवं उनमें से कुछ को कार्यक्रम के दौरान ही स्वीकृति पत्र भी दिए गए।

इस पहल के तहत, डिजिटल बड़ौदा किसान क्रेडिट कार्ड (डिजिटल भूमि रिकॉर्ड के लिए आरबीआईएच के साथ इंटीग्रेशन) और बैंक के डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफॉर्म पर डिजिटल गोल्ड लोन सहित बैंक की प्रमुख डिजिटल पेशकशों से भी किसानों को अवगत कराया गया। इन समाधानों को किसानों के लिए ऋण तक पहुंच को त्वरित, सरल और अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए तैयार किया गया है इससे बड़ौदा किसान पखवाड़े का समग्र प्रभाव और बेहतर हुआ है।

कार्यक्रम के सफल समापन के अवसर पर बात करते हुए, बैंक ऑफ बड़ौदा के कार्यपालक निदेशक श्री लाल सिंह ने कहा, श्बड़ौदा किसान पखवाड़े का 8वां संस्करण डिजिटल समाधानों की मदद से भारत के किसानों को सुलभ, विश्वसनीय और त्वरित सेवाएं प्रदान करने की हमारी निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारे डिजिटल बीकेसीसी, डिजिटल गोल्ड लोन और हमारे फील्ड स्तर के संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से, हमारा उद्देश्य हमसे संपर्क करने वाले प्रत्येक किसान के लिए ऋण की उपलब्धता को सरल और अधिक सुदृढ़ बनाकर हमारे जुड़ाव और सहयोग में वृद्धि करना है। हम कृषि समुदाय का सहयोग करने और उनकी प्रगति और आत्मनिर्भरता में योगदान देने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं।

बैंक ऑफ बड़ौदा का कृषि क्षेत्र को ऋण 30 सितंबर 2025 तक ₹1,69,703 करोड़ रहा है, जिसमें 17.4ः की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर्ज की गई है. ग्रामीण क्षेत्र में मजबूत उपस्थिति और कृषि और डिजिटल बैंकिंग समाधानों की एक विस्तृत रेंज के साथ बैंक किसानों का सहयोग करने और भारत के कृषि इको सिस्टम को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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