पीलीभीत। यातायात माह नवम्बर 2025 का समापन समारोह रविवार को पुलिस लाइन स्थित सम्मेलन कक्ष में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए माह भर विभिन्न स्तरों पर काम करने वाले पुलिसकर्मियों और प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। समापन कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने यातायात जागरूकता पर अपने विचार साझा किए और निबंध, चित्रकला, क्विज सहित अन्य प्रतियोगिताओं में चयनित प्रतिभागियों को मंच पर सम्मानित किया गया। इसी तरह माह भर विभिन्न क्षेत्रों में प्रवर्तन कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों को भी प्रशस्ति चिन्ह देकर प्रोत्साहित किया गया।यातायात माह के दौरान स्कूलों, कॉलेजों, एनसीसीदृएनएसएस इकाइयों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार जागरूकता अभियान चलाए गए। पुलिस टीम ने 54 से अधिक शिक्षण संस्थानों में पहुंचकर लगभग आठ हजार छात्रों को यातायात नियमों की जानकारी दी। शहर व ग्रामीण इलाकों में नुक्कड़ नाटक, संगोष्ठी और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से हजारों नागरिकों को यातायात संकेतों और सुरक्षा नियमों की जानकारी दी गई। गांधी स्टेडियम प्रदर्शनी में भी बड़ी संख्या में लोग जागरूक हुए। इसके अलावा ट्रक, ट्रैक्टर और ऑटो चालकों को प्रतिदिन नियमों की जानकारी दी गई और वाहनों पर रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप लगवाने का अभियान भी लगातार चलाया गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी यातायात संदेशों का प्रचारदृप्रसार किया गया। विभिन्न समाचार पत्रों के माध्यम से प्रतिदिन लोगों को यातायात नियमों और वाहन रख-रखाव से जुड़े आवश्यक सुझाव दिए गए। पब्लिसिटी वैन द्वारा भी शहर के प्रमुख मार्गों पर व्यापक प्रचार किया गया।
प्रवर्तन की बात करें तो पूरे माह के दौरान नियम तोड़ने वालों के खिलाफ बड़ी संख्या में कार्रवाई हुई। बिना हेलमेट, बिना सीटबेल्ट, अवैध रूप से तीन सवारी, बिना ड्राइविंग लाइसेंस और गलत दिशा में वाहन चलाने जैसी विभिन्न श्रेणियों में कुल 10 हजार से अधिक चालान किए गए। इस दौरान 17 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूला गया। शराब या नशे में वाहन चलाने, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने तथा मॉडिफाइड साइलेंसर लगाने वाले चालकों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई और कई बुलेट बाइक सीज की गईं। न्यायालय और ऑनलाइन माध्यम से भी बड़ी संख्या में जुर्माना जमा किया गया।कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों से अपील की गई कि सड़क पर सुरक्षा का पालन केवल नियमों की मजबूरी नहीं, बल्कि जीवन बचाने का सबसे सरल तरीका है। इसलिए हर व्यक्ति को स्वयं भी नियमों का पालन करना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।
