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Sonebhadra: राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस का हुआ शुभारंभ।

मानसिक स्वास्थ्य शिविर एवं जागरूकता गोष्ठी का आयोजनसोनभद्र। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय/जिला संयुक्त चिकित्सालय, सोनभद्र के प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा फीता काटकर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी ने जन मानस को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व मानिसक स्वास्थ्य दिवस मनाये जाने का मुख्य उददेश्य लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और यह समझाना कि मानसिक समस्यायें उतनी ही गम्भीर होती है जैसे कि शारीरिक बिमारियां। आज के समय में तेज रफ्तार जीवन शैली कैरियर की अनिश्चितता, रिश्तों में अस्थिरता, नौकरी का तनाव, पढ़ाई का दबाव इत्यादि कारणों से मानसिक रोग एक बहुत बड़े संकट के रूप में हमारे बीच अपना पैर पसार रहा है। हर परिवार में कम से कम एक सदस्य किसी न किसी प्रकार के मानसिक समस्या से ग्रस्त है, जिसे परिवार के अन्य सदस्य समझ नहीं पाते है जिसके कारण उनका समय से उपचार सम्भव नहीं हो पाता है। जानकारी के अभाव में हर 10 मानसिक रोगियों में से एक रोगी को ही उचित उपचार मिल पा रहा है। आज मानसिक रोगों के उपचार के लिए कही दूर जाने की आवश्यकता नहीं है, राष्ट्रीय टेलीमानस हेल्पलाईन नम्बर- 14416, 24X7 संचालित है जिस पर कॉल करके आप कहीं से भी मानसिक रोग परामर्शदाता / काउन्सलर से सेवायें प्राप्त कर सकते है। हमारे जनपद में प्रत्येक सी०एच०सी०/पी०एच०सी० एवं स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय / जिला संयुक्त चिकित्सालयपर प्रशिक्षित चिकित्सक, काउन्सलर एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा मानसिक स्वास्थ्य से सम्बन्धित सेवायें प्रदान की जा रही है। प्रधानाचार्य, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, सोनभद्र ने बताया कि लोगों की भौतिक सुख-सुविधाओं के प्रति बढ़ती महत्वाकांक्षायें एवं जरूरतें तथा बच्चों के क्षमता को समझे बिना अभिभावकों की अपेक्षायें अक्सर तनाव को जन्म देती है जिससे व्यक्ति मानसिक रोग की तरफ जाता है तथा जानकारी के अभाव में व्यक्ति तंत्र-मंत्र एवं झाड़-फूंक के माध्यम से मानसिक रोग का उपचार कराने लगता है, हमें इस भ्रांतियों को दूर करना कि झाड़-फूक से मानसिक रोगियों का इलाज हो सकता है शुरूआत में इस कार्य में हमें काफी प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है किन्तु निरन्तर प्रयासों से हम इस भ्रांति को दूर कर सकते है। डा० जितेश गुप्ता, सहायक आचार्य मनोरोग ने बताया कि नींद न आना, मन उदास रहना, किसी काम में मन न लगना, एक ही कार्य को बार-बार करना, चिड़चिड़ापन, आत्महत्या के विचार इत्यादि मानसिक रोग के लक्षण है, आज भारत में लगभग 20 करोड़ मानसिक रोगी है मानसिक स्वास्थ्य को लेकर समाज में अभी भी कलंक बना हुआ है लोग मनोचिकित्सक के पास जाने से कतराते है जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है, हमें समय रहते इसे पहचान कर उपचार कराना अत्यन्त आवश्यक है। कार्यक्रम में कीर्तीपाली नर्सिंग कालेज के बच्चों द्वारा मानसिक रोग के सम्बन्ध में जागरूकता हेतु एक लघु रोल प्ले प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डा० जी०एस० यादव, नोडल एन०एम०एच०पी० द्वारा सभी को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा० गणेश प्रसाद, चिकित्साधिकारी-एन०सी०डी० द्वारा किया गया इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा० आर०जी० यादव, डा० प्रेमनाथ, डा० बी०के० श्रीवास्तव, व अन्य चिकित्सकगण एवं पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थिति रहें।
शिविर में लगभग 173 लोगों का स्क्रीनिंग कर उनका उपचार किया गया।

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