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मिर्जापुर: आई.आई.वी.आर.वाराणसी मे राजकीय बालिका हाईस्कूल, हरिहरपुर, सूर्यांवां (भदोही) की छात्राओं का शैक्षणिक भ्रमण! राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी वाराणसी चैप्टर के विज्ञान जनजागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित


मिर्जापुर। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आई.आई.वी.आर.) वाराणसी में बुधवार को भदोही जनपद के राजकीय बालिका हाईस्कूल, हरिहरपुर,सूर्यांवां,भदोही की छात्र एवं छात्राओं ने एकदिवसीय शैक्षणिक भ्रमण किया। यह भ्रमण नेशनल एकेडमी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज,वाराणसी चैप्टर द्वारा संचालित विज्ञान जनजागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किया गया। इस अवसर पर छात्र एवं छात्राओं को कृषि एवं बागवानी क्षेत्र में नवीनतम वैज्ञानिक प्रगतियों,उन्नत तकनीकों तथा सब्जी अनुसंधान में हो रहे नवाचारों से अवगत कराया गया। भ्रमण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण छात्राओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा, समझ और रुचि विकसित करना तथा उन्हें कृषि अनुसंधान संस्थानों की कार्यप्रणाली से परिचित कराना था। कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के निदेशक डॉ. राजेश कुमार के स्वागत संबोधन से हुआ। उन्होंने छात्र एवं छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि विज्ञान समाज की प्रगति की आधारशिला है और आज की युवा पीढ़ी को प्रयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाकर कृषि एवं पर्यावरण संरक्षण में योगदान देना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने संस्थान की विभिन्न प्रयोगशालाओं,प्रदर्शनी परिसर,सब्जी प्रदर्शन प्लॉट्स और उच्च तकनीकी ग्रीन हाउसों का अवलोकन किया। सब्जी उन्नयन विभागाध्यक्ष डा.नागेन्द्र राय ने छात्राओं को सब्जी फसलों की प्रजाति विकास,बीज उत्पादन,पोषण महत्व,जैविक खेती, एकीकृत कीट प्रबंधन तथा संरक्षित खेती तकनीक की जानकारी दी। संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा छात्राओं से संवादात्मक सत्र भी आयोजित किया गया,जिसमें छात्राओं ने विज्ञान,पौधों की वृद्धि,बीज की गुणवत्ता तथा पौध प्रजनन से संबंधित जिज्ञासाएँ उत्साहपूर्वक पूछीं।

कार्यक्रम का संचालन डॉ.राकेश कुमार दुबे,कोषाध्यक्ष, नास वाराणसी चैप्टर द्वारा किया गया और कहा कि इस प्रकार के भ्रमण से छात्राओं में विज्ञान और अनुसंधान के प्रति आत्मविश्वास और रुचि बढ़ती है। 

यह कार्यक्रम नास वाराणसी चैप्टर के विज्ञान प्रसार एवं जन-जागरूकता अभियान का एक महत्वपूर्ण कदम रहा, जो ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं को विज्ञान और कृषि अनुसंधान की वास्तविक दुनिया से जोड़ने का कार्य कर रहा है। कार्यक्रम में डा.डी.पी.सिंह,डॉ.जगेश कुमार तिवारी,डॉ.मोहम्मद शाहिद एवं डॉ गोविन्द पाल का सक्रीय सहयोग रहा।

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