शाहबाद। बुधवार को दीक्षित कॉलेज ऑफ हॉयर एजूकेशन, रामपुर में उत्तर प्रदेश एनसीसी बटालियन के कैडेट्स द्वारा भारतीय वायु सेना का 93वा स्थापना दिवस बहुत उत्साह के साथ मनाया गया जिसके अंतर्गत एक सेमिनार का आयोजन किया गया।सेमिनार का शुभारंभ महाविद्यालय के प्रबंध निदेशक विवेक दीक्षित के द्वारा किया गया।गौरव, साहस ,शक्ति और शौर्य दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि आज दुनिया में चैथी सबसे बड़ी भारतीय वायु सेना का स्थापना दिवस है।यह दिन देश की रक्षा करने वाले वायु योद्धाओं को समर्पित है। वायु सेना न केवल युद्ध के मैदान में बल्कि मानवीय कार्यों में भी सदैव अग्रणी रही है। इसका आदर्श वाक्य हमको बताता है किष्आकाश को छुओ और तेजस्वी बनोष्। चाहे राष्ट्रीय सुरक्षा का भार उठाना हो या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जान बचाना हो भारतीय वायु सेना हमेशा अपने अदम्य साहस एवं शौर्य के साथ हमेशा तत्पर रहती है। एन सी सी कैडेट्स को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रमेश कुमार अवस्थी ने आकाश के वीर रक्षकों को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए भारतीय वायु सेना के इतिहास पर प्रकाश डाला ।उन्होंने बताया कि इसकी स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी । एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी को इसका संस्थापक माना जाता है। यह दिवस युवाओं को देश सेवा के लिए प्रेरित करता है तथा राष्ट्रीय एकता और गर्व की भावना जागृत करता है।भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य ष्नभः स्पर्शं दीप्तमष् गीता से लिया गया है। आपदा हो या युद्ध का मैदान हर परिस्थिति में हमारे वायु वीरों ने साहस एवं शौर्य का प्रदर्शन किया है।हमारे ऐसे आकाश के रक्षकों को हार्दिक शुभकामनाएं।
इसी सेमिनार में बीएड . संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ खेमेंद्र कुमार शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा बहुत गर्व की बात है कि दुनिया में भारत के पास चैथी सबसे बड़ी वायु सेना है।इस वर्ष का थीम है ष्भारतीय वायु सेना.. सक्षम, सशक्त ,आत्मनिर्भरष्। ऑपरेशन सिंदूर समेत कई बार पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाली वायु सेना आज अपना 93वा स्थापना दिवस मना रही है। हमारे बहादुरों को हम सब हार्दिक शुभकामनाएं देते है। इस अवसर पर एनसीसी कैडेट्स ने सेमिनार में प्रतिभाग करते हुए अपने अपने विचार व्यक्त किए। इस सेमिनार का आयोजन डॉ महेंद्र पाल सिंह के निर्देशन में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ।
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