आरोप है कि नगर पंचायत अध्यक्ष ने पूरी तरह से सही और मजबूत सड़क को तुड़वाकर दोबारा टेंडर जारी करवा दिया।
सोनभद्र। वर्तमान चेयरमैन अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुँचाने की कोशिश की है। वहीं इस पूरे मामले पर पूर्व सभासद ने बड़ा बयान दिया है और जांच की मांग की है। अब सवाल ये है कि आखिर जनता के टैक्स से जमा पैसे को इस तरह से बर्बाद करने का जिम्मेदार कौन है। चोपन नगर पंचायत में सड़क निर्माण को लेकर बवाल मचा हुआ है। वार्ड नंबर 8, मल्लाही टोला स्थित ग्रामवासी आश्रम जाने वाली सड़क को लेकर स्थानीय लोगों ने नगर पंचायत प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
लोगों का कहना है कि यह आरसीसी सड़क पूरी तरह से दुरुस्त थी, कहीं से टूटी-फूटी नहीं थी। बावजूद इसके, नगर पंचायत अध्यक्ष ने मनमाने तरीके से सड़क का टेंडर कर दिया। आरोप है कि यह सब कुछ अपने नज़दीकी ठेकेदारों को लाभ पहुँचाने के लिए किया गया। लोगों का आरोप यह भी है कि नई सड़क बनाते समय पुराने मैटेरियल को तोड़कर उसी को दोबारा इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे निर्माण की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है। ऐसे में साफ है कि जनता के पैसे का दुरुपयोग किया जा रहा है और सरकार के जीरो टॉलरेंस के दावों का पोल खोल रहा है। मामले को लेकर पूर्व सभासद महेंद्र केसरी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सड़क पूरी तरह से ठीक थी, फिर भी इसे तोड़ा गया और उसी मैटेरियल से दोबारा काम कराया जा रहा है। महेंद्र केसरी ने आरोप लगाया कि ऐसा सिर्फ इसलिए किया गया ताकि कुछ सालों में यह सड़क फिर खराब हो और ठेकेदार को दोबारा टेंडर मिल सके। यह न केवल सरकारी धन की लूट है बल्कि नियमों की भी खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं दूसरी ओर, इस पूरे विवाद पर अधिशासी अधिकारी मधुसूदन जायसवाल का कहना है कि जो आरोप लगे हैं, उनकी जांच टेक्निकल टीम से कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि सड़क की ऊँचाई ज्यादा होने से लोगों के घरों में पानी भरने की समस्या हो रही थी, इसी वजह से सड़क को सही लेवल पर बनाने के लिए दोबारा टेंडर कराया गया। ईओ ने यह भी कहा कि स्थलीय निरीक्षण और तकनीकी रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि निर्माण में कोई गड़बड़ी है या नहीं। अगर मानक के खिलाफ कार्य पाया गया तो कार्रवाई तय है।
हालांकि, स्थानीय लोगों का सवाल अब भी वही है जब सड़क पूरी तरह से सही थी, तो आखिर उसे तोड़ने की क्या जरूरत थी? इस टेंडर के लिए दैनिक समाचार पत्र में भी निकलवाया गया है।