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बाइक स्कीम के नाम पर हजारों से ठगी, ED ने इस बड़ी कंपनी पर मारा छापा


देश के चर्चित Bikebot स्कैम में ED की बड़ी कार्रवाई की है. ED की स्पेशल टास्क फोर्स ने करीब 394.42 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी तौर पर अटैच कर लिया है. ये कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है.

ED की जांच में सामने आया है कि ये संपत्तियां अलग-अलग ट्रस्ट और सोसाइटी के नाम पर थी. इनमें कमाख्या एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, कमाख्या एजुकेशनल सोसाइटी, गुरु नानक चैरिटेबल ट्रस्ट, अल्पाइन टेक्निकल एजुकेशन सोसाइटी, एपी गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट और स्मृति मीना आनंद का नाम शामिल है.

दरअसल ग्लोबल इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रमोटर संजय भाटी ने बाइक टैक्सी सर्विस के नाम पर लोगों को लुभावनी स्कीमें दी थी. इसमें ग्राहक 1, 3, 5 या 7 बाइक में निवेश कर सकता था. कंपनी कहती थी कि बाइक टैक्सी के तौर पर चलेंगी और निवेशक को हर महीने किराया, EMI और बोनस मिलेगा.

ज्यादा निवेश करने और नए लोगों को जोड़ने पर अतिरिक्त फायदा भी देने का वादा किया गया. कई शहरों में फ्रेंचाइजी भी दी गई, लेकिन हकीकत में बाइक टैक्सी कहीं भी ठीक से चली ही नहीं. ED की जांच में पता चला है कि लोगों से इकट्ठा किया गया पैसा अलग-अलग कंपनियों में घुमाकर एजुकेशनल ट्रस्ट और सोसाइटी के जरिए प्रॉपर्टी खरीदने में लगा दिया गया.

मेरठ में करोड़ों की जमीन खरीदी गई. बैंकों से गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी छुड़ाने में भी यही पैसा लगाया गया. 20.49 करोड़ की जमीन और प्रॉपर्टी, जिसकी कीमत घोटाले के वक्त करीब 389.30 करोड़ आंकी गई थी, 5.12 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट जब्त की गई.

इससे पहले भी ED ने तीन बार कार्रवाई करके 220.78 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी. ED ने 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट इन सभी मामलों में संज्ञान ले चुकी है. ED ने 2020 और 2023 में कई जगह छापेमारी की थी, जिसमें डिजिटल सबूत भी मिले थे. ED ने साफ किया है कि इस मामले की जांच अभी जारी है.

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