बाराबंकीः होम्योपैथी लक्षण नहीं, व्यक्ति का समग्र उपचार करती है- डॉ. सरवर जमाल
September 14, 2025
मवइ/अयोध्या। बड़ी से बड़ी और असाध्य बीमारियों को जड़ से खत्म करने वाले होम्योपैथ के प्रसिद्ध चिकित्सक डा. सरवर जमाल की पहचान होम्योपैथ के देश के बड़े चिकित्सकों में है। डायलिसिस पर चल रहे मरीज हो या कैंसर के मरीज, गठिया हो या न्यूरो से जुड़ी बीमारी हजारों मरीजों का इलाज कर उनकी बीमारियों को जड़ से खत्म करने की प्रसिद्धि के लिए जाने जाते है। देश के कोने कोने से अन्य पद्धति से इलाज करा चुके हताश निराश सैकड़ों मरीजों की बीमारियों को होम्योपैथ से खत्म करने का सिद्धहस्त उन्हें मिला। प्रसिद्ध होम्योपैथिक विशेषज्ञ डॉ. सरवर जमाल से विधान केसरी संवाददाता ने जब बात की तो उन्होंने बताया कि हम बीमारी नहीं बीमारी की जड़ पर काम करते है। होम्योपैथ में मरीज के शारीरिक मानसिक और स्वभाव के साथ मरीज की बीमारियों के पीछे का इतिहास जानना जरूरी है। उस हिसाब से सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर दवा दी जाती है। उन्होंने बताया होम्योपैथ चिकित्सा पद्धति दुनिया की सबसे कारगर और उभरती हुई चिकित्सा पद्धति है ।जो जैसे को तैसा के सिद्धांत पर आधारित है। यह सिर्फ लक्षणों को दबाने के बजाय रोग के मूल कारण तक पहुँचकर दीर्घकालिक सुधार पर ध्यान देती है।डॉ. जमाल ने बताया कि होम्योपैथी में सटीक उपचार का अर्थ है रोगी के मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सभी पहलुओं का मानसिक और शारीरिक परीक्षण कर मरीज को दवा की खुराक देना। यही कारण है कि एक ही बीमारी के अलग-अलग मरीजों को अलग-अलग दवाएं दी जाती हैं।उन्होंने कहा कि होम्योपैथी से अस्थमा, सोरायसिस, गठिया, माइग्रेन, थायरॉयड समस्याएं, चिंता, नींद की कमी, मोटापा जैसी दीर्घकालिक बीमारियों के साथ-साथ ,बुखार, सर्दी-जुकाम, दस्त, त्वचा की एलर्जी और कान के संक्रमण जैसी तीव्र बीमारियों का भी प्रभावी उपचार संभव है।डा. सरवर जमाल का मानना है कि मरीज का विस्तृत इतिहास, जीवनशैली, मानसिक स्थिति और लक्षणों के सटीक मिलान से सही निदान किया जाता है। यही कारण है कि होम्योपैथी सभी आयु वर्ग के मरीजों के लिए सुरक्षित और उपयोगी मानी जाती है। डा. जमाल का कहना है हजारों मरीज जब सभी पद्धति से हताश और निराश हो कर आते है तो यहाँ उनकी बीमारियों को जड़ से इलाज कर ठीक किया गया है।
