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भारत के साथ हमारी दोस्‍ती तोड़ने की हर कोश‍िश नाकाम होगी-रूस


भारत और रूस के संबंध अटूट हैं। समय-समय पर दोनों देशों की दोस्ती को पूरी दुनिया ने देखा भी है। 1971 की जंग में रूस ने किस तरह भारत की मदद के लिए कदम बढ़ाया था इसकी चर्चा आज भी की जाती है। इस दोस्ती में कई बार दरारडाले की कोशिशें हुई हैं। ताजा उदाहरण के तौर पर बात करें तो अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप भारत पर टैरिफ लगाने के बाद यह सोच रहे थे कि इससे रूस के साथ दोस्‍ती टूट जाएगी। लेकिन, अब रूसी विदेश मंत्रालय ने जो कहा है उसने एक बार फिर दिखा दिया है कि दोनों देशों के बीच संबंध कैसे हैं।

रूसी विदेश मंत्रालय ने ट्रंप की ओर से लगाए गए टैर‍िफ के बीच मॉस्‍को के साथ सहयोग जारी रखने के ल‍िए भारत की तारीफ की है। रूस की ओर से यह भी कहा गया है कि नई द‍िल्‍ली के साथ हमारी दोस्‍ती तोड़ने की हर कोश‍िश नाकाम होगी। रूसी मंत्रालय ने कहा,'हम इस बात का स्वागत करते हैं कि भारत दबाव और धमकियों के बावजूद रूस के साथ मल्‍टी लैटरल फेंडश‍िप जारी रखे हुए है, इनता ही नहीं, इसे आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दिखा रहा है। सच कहूं तो भारत और रूस के बीच संबंध स्थिरता और आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहे हैं। इस प्रक्रिया में बाधा डालने का कोई भी प्रयास विफल होगा।'

इस बीच यहां यह भी बता दें कि, हाल ही में भारतकी ओर से भी रूस से तेल खरीद को लेकर रुख साफ कर दिया था। रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा था कि भारतीय कंपनियां वहां से तेल खरीदना जारी रखेंगी जहां भी उन्हें ‘सबसे अच्छा सौदा’ मिलेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया था कि नई दिल्ली अपने ‘राष्ट्रीय हितों’ की रक्षा करने वाले कदम उठाना जारी रखेगी।

अमेरिका ने आरोप लगाया है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध में मॉस्को की मदद कर रहा है। भारत ने अमेरिका के इस तर्क का पुरजोर खंडन किया है। इस बीच ट्रंप प्रशासन ने मॉस्को पर सीधे कड़े प्रतिबंध लगाने से परहेज किया है। इस बीच, ट्रंप ने हाल ही में स्वीकार किया कि रूसी तेल की खरीद के लिए भारत पर भारी शुल्क लगाने के उनके फैसले से भारत के साथ संबंधों में तनाव आया है।

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