बाराबंकी। ग्राम पंचायतों में मनरेगा, 15वां वित्त और राज्य वित्त आयोग से बिना विकास कार्य कराए ही लाखों रुपये निकाल लिए गए हैं। शपथ पत्र हुई शिकायत पर जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने तीन सदस्य टीम गठित कर दी है, जिसमें जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी, सहायक अभियंता लोक निर्माण और लेखा परीक्षक एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
रामनगर के कटियारा गांव के रामसुमिरन, अरुण कुमार वर्मा, चंद्रपाल और रोहित वर्मा ने जिलाधिकारी को तीन शपथ पत्रों के साथ शिकायत की। डीएम ने संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिए, साथ ही जांच टीम गठित कर दी है। इसमें जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी एजाजुल हक खान, सहायक अभियंता लोक निर्माण खंड एक, जिला लेखा परीक्षा अधिकारी शामिल हैं। यह अधिकारी शपथ पत्र में दिए गए प्रत्येक बिंदुओं की जांच करेंगे।
शपथ पत्र में बताया गया है कि कटियारा के जोड़ीहा तालाब की खोदाई, डामर रोड से सोनू के खेत तक चकबंद निर्माण, बरगदिया तालाब की खोदाई, खड़ंजा से डामर रोड तक चकबंद, डामर रोड से बच्चू के खेत तक चकबंद का बिना निर्माण कराए लाखों रुपये निकाल लिए गए हैं। एक ही मजदूर की अलग-अलग जगहों पर फोटो दिखाकर पैसा निकाला गया है। साक्ष्यों के साथ शिकायतकर्ताओं ने वीडियो की सीडी बनाकर डीएम को प्रस्तुत की है। जिला पंचायत राज अधिकारी नीतेश भोंडेले ने बताया कि मनरेगा में बिना कार्य कराए पैसा निकालने की शिकायत पर डीएम के आदेश पर जांच कराई जा रही है।
सिद्धौर ब्लाक के ग्राम मदारपुर निवासी अभिषेक कुमार ने डीएम को शपथ पत्र के साथ शिकायत की है। आरोप है कि ग्राम पंचायत में मनरेगा से कई काम कराए गए हैं। नाग बाबा तालाब में जिस श्रमिक की हाजिरी भरी गई है, वह जेल में है, लेकिन उसके नाम से पैसा निकाला जा रहा है। इसके अतिरिक्त ठेकेदार, कर्मचारियों को श्रमिक दिखाकर रुपये निकाल गए। कुछ बेटियां भी हैं, जिनकी शादी दूसरी जगह दूर हो गई है, लेकिन उनके जाब कार्ड का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। यही नहीं, बिना हैंडपंप ठीक कराए पैसा निकाला गया है। डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी को जांच सौंप दी है। डीपीआरओ ने बताया कि डीएम के आदेश पर जांच टीम बनाई जा रही है।