सोनभद्र। जिले में अवैध अस्पतालों का जाल तेजी से फैल रहा है। यहां बिना किसी मानक और आवश्यक दस्तावेजों के अस्पताल खुलेआम चल रहे हैं। आये दिन नए नए हॉस्पिटल घुल रहे हैं और बड़े बड़े नेता गण उद्घाटन कर रहे हैं इसके बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग कार्यवाही के नाम पर कोरम पूर्ति कर रहा है एक वैध अस्पताल के लिए कई जरूरी दस्तावेज चाहिए होते हैं। इनमें भारतीय चिकित्सा परिषद से प्रमाण पत्र, डॉक्टर और स्टाफ की योग्यता प्रमाण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एनओसी, चिकित्सा अपशिष्ट निपटान प्रमाण पत्र और अग्निशमन विभाग की एनओसी शामिल हैं। साथ ही हेल्थकेयर फैसिलिटी और प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री के प्रमाण पत्र भी जरूरी हैं। लेकिन जिले में छोटे-छोटे कमरों में बिना योग्य डॉक्टर के अस्पताल चलाए जा रहे हैं। इन अस्पतालों में जिन डॉक्टरों के नाम दर्शाए जाते हैं, वे कभी वहां आते ही नहीं हैं। ये सब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे हैं। गरीब और असहाय मरीजों से इलाज के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं। हर साल सैकड़ों लोग अप्रशिक्षित लोगों के इलाज से अपनी जान गंवा देते हैं। स्वास्थ्य विभाग शिकायतों पर सिर्फ खानापूर्ति करता है। साल की शुरुआत में कुछ अवैध अस्पतालों को सील किया गया था। लेकिन कुछ ही दिनों में अधिकारियों से सांठगांठ कर वे फिर से चालू हो गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बावजूद अवैध अस्पताल, क्लिनिक, लैब और अल्ट्रासाउंड केंद्र खुलेआम चल रहे हैं। विपरीत चल रहे तमाम फर्जी अस्पतालों, अल्ट्रासाउंड केंद्र,लैब के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए जनपद सोनभद्र में स्वास्थ्य विभाग जांच के नाम पर कोरम पूर्ति कर रहा हैं।
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