ओबरा /सोनभद्र। उत्तर प्रदेश सोनभद्र में एक ऐसा निकाय भी है। जहां जनता की मूल भूत सुविधाओं का बखुबी ध्यान रखा जा रहा है। आपको बता दे जनता से टेक्स के रूप में जो पैसा सरकार वसूल करती है। उसका मुख्य उद्देश्य यह होता है। की उन पैसों को जनता के हित में व्यय किया जाए। परन्तु नगर निकाय ओबरा में जनता के पैसों को खुब बर्बाद किया जा रहा है।नगर निकाय ओबरा में अवैध तरीके से टेंडर कर बनी हुई चीजों को बिगाड़ कर बनाया जाना समझ से परे है।सवाल यह है कि ऐसी क्या आवश्यकता है। बनी चीजों को बिगाड़ना पड़ रहा है। आपको जानकर यह हैरानी होगी कि अभी बीगत कुछ वर्षों पहले ओबरा डिग्री कॉलेज चौराहे से गीता मंदिर तक सड़क निर्माण का कार्य किया गया था। परन्तु आज वह सड़क जर्जर स्थिति में है। वहां के रहवासियों का कहना है। हमें जिन सुविधाओं की आवश्यकता है । हमें जिस मूलभूत सुविधाओं की आवश्यकता है हम उससे कोशों दुर है ।हम सभी को उन सभी सुविधाओं से भी वंचित कर दिया गया है। जनता की आवश्यकता को पूरा न कर। दूसरे कार्य पर फिजुल खर्च करना कहां की समझदारी है। आपको बता दें की डिग्री कॉलेज से गीता मंदिर चौराहे तक पहुंचने में कई सारी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।हमेशा डर इस बात का होता है कि कहीं हमारे साथ कोई अनहोनी ना हो जाए। सही सुना आप ने बड़े बड़े गड्ढे रोज दुर्घटनाओं को दावत दे रही हैं। परन्तु उसका संज्ञान निकाय का ना तो कर्मचारी लेने वाला है।और ना ही कोई आला अधिकारी। आय दिन कुछ ना कुछ घटनाएं घटित हो रही है। इसका जिम्मेदार कौन है। कब तक ऐसे ही जनता के पैसों का बंदरबांट चलेगा। आखिर कब जनता के पास पहुंचेगी मूलभूत सुविधाएं। हमारी बात जब कुछ लोगों से हुई तो उनका कहना था कि हमारे बच्चे और यहां आप पास में स्थापित स्कूलों के बच्चो का रोज प्रतिदिन इसी रास्ते से आना जाना है। यदि कोई अप्रिय घटना घटित हो जाती है। उसका जिम्मेदार शासन और प्रशासन लेगी।
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