- बाहर की फोर्स ने थामा मोर्चा, नही हुई कोई अनहोनी घटना
- 1961 मे हुई थी बरही मेले की शुरुआत, कई जनपदो से आते है लोग
कादीपुर/सुल्तानपुर। कादीपुर क्षेत्र स्थित सूरापुर बाजार में पारम्परिक ऐतिहासिक श्री कृष्ण बरही महोत्सव का समापन पुरस्कार वितरण के साथ को धूमधाम से संपन्न हो गया। गुरुवार की रात लोगों के लिए कम पड़ गया। वहीं डांस का महासंग्राम सीजन 5 की जी तोड़ प्रतियोगिता में लोग झूमते नजर आए। महाकाल की पालकी लोगों में आकर्षक का केंद्र रही। उमड़े जनसैलाब को नियंत्रित करने के लिए आयोजकों और पुलिस प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसके अलावा बाजार की सभी सड़कों पर आल्हा, बिरहा, नौटंकी, कव्वाली आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। जगह-जगह चल रहे भंडारे में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। गौरतलब हो कि बरही महोत्सव की शुरुआत 1961 में नंदलाल बरनवाल और रामचरित्र बरनवाल ने पुरानी बाजार में एक श्रीकृष्ण झांकी से की थी। समय के साथ यह आयोजन बड़ा होता गया। अब यह सुल्तानपुर, जौनपुर, आजमगढ़, अंबेडकरनगर और प्रतापगढ़ जिलों में प्रसिद्ध है। लोग बताते है कि श्रीकृष्ण बरही मेला, जिसे श्रीकृष्ण बरही महोत्सव भी कहते हैं, सुल्तानपुर के कादीपुर क्षेत्र के सूरापुर बाजार में आयोजित होता है, जो श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के 12 दिन बाद मनाया जाता है। यह दो दिवसीय उत्सव होता है जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं पर आधारित झांकियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे आल्हा, विरहा, कव्वाली, और विभिन्न स्थानों से आए कलाकारों द्वारा नृत्य प्रस्तुतियां होती हैं। वही व्यापार मंडल इकाई सूरापुर ने मेले में लगे पुलिस सुरक्षा कर्मियों सहित व्यापारियों और सफाई कर्मियों का आभार व्यक्त किया। प्रभारी निरीक्षक ष्याम सुन्दर ने कहा कि हमरे कार्यकाल मे यह पहला मेला है ऐसे मे उन्होने आम जनता के साथ साथ पूर्ण सहयोग देने के लिये व्यापारियों को धन्यबाद दिया।