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ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप्स पर बैन की मांग


ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप्स पर बैन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई गई है। यह याचिका डॉ. केए पॉल ने लगाई है। उनका कहना है कि गॉड ऑफ क्रिकेट भी इसका प्रचार कर रहे हैं। टीवी पर इसका प्रमोशन किया जा रहा है। इसे बंद किया जाना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।

ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप्स पर बैन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता डॉ. केए पॉल ने कोर्ट में कहा कि गॉड ऑफ क्रिकेट तक इसका प्रचार कर रहे हैं। टीवी पर इसका प्रमोशन हो रहा है। मेरी प्रार्थना है कि इस पर रोक लगे। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा "जो संतोष आपको इस कार्य से मिला होगा, आप प्राउड फील कर रहे होंगे। आज हम सभी राज्यों को नोटिस जारी कर रहे है और उन्हें जवाब दाखिल करने का समय देंगे।"

भारत में सैकड़ों गेमिंग ऐप्स हैं। इनमें रियल मनी गेमिंग ऐप्स एमपीएल, विनजो, जुपी और ड्रीम 11 शामिल हैं। इसके अलावा कैजुअल गेमिंग ऐप्स, और ई-स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म्स भी हैं। एक अनुमान के अनुसार, भारत में 400 मिलियन से अधिक गेमर्स हैं, और यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेमिंग मार्केट है। इन ऐप्स पर फैंटेसी स्पोर्ट्स, लूडो, रम्मी, और अन्य गेम खेले जा सकते हैं। यूजर्स पैसा दावं पर लगाकर ये गेम खेलते हैं। जीतने पर उन्हें अच्छी राशि मिलती है, लेकिन हारने पर उन्हें नुकसान भी होता है।

भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में फैंटेसी स्पोर्ट्स का बाजार सबसे बड़ा है, जिसमें ड्रीम 11, एमपीएल जैसे यूनिकॉर्न शामिल हैं। ई-स्पोर्ट्स दर्शकों की संख्या 80 मिलियन से अधिक हो गई है। 2022-24 के बीच, सरकार ने 1,298 ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी साइट्स को ब्लॉक किया और गैर-कानूनी गतिविधियों को नियंत्रित करने की कोशिश की है।

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