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रिपोर्ट में खुलासा! 7000 रुपए से 900 करोड़ तक का सफर, चंद्रबाबू नायडू बने देश के सबसे अमीर मुख्यमंत्री


एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने शनिवार (23 अगस्त, 2025) को भारत के मुख्यमंत्रियों की संपत्ति का आंकड़ा पेश किया है, जिसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को सबसे ऊपर रखा गया है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत के मुख्यमंत्रियों की कुल संपत्ति 1,600 करोड़ रुपये है, जिसमें अकेले सीएम चंद्रबाबू नायडू की संपत्ति 931 करोड़ रुपए आंकी गई है.

रिपोर्ट के अनुसार, सीएम नायडू की ये संपत्ति विरासत में मिली संपत्ति या अस्पष्ट स्रोतों से नहीं, बल्कि तीन दशक पहले उनकी ओर से स्थापित एक व्यावसायिक उद्यम, 'हेरिटेज फूड्स लिमिटेड' से जुड़ी है, जो अब तक मजबूत स्थिति में है.

वहीं अन्य मुख्यमंत्रियों की बात करें तो अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू 163 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सूची में दूसरे स्थान पर हैं. उनके बाद ओडिशा के नवीन पटनायक 63 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे स्थान पर हैं. केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने सबसे कम 40 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की है.

दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने 3 करोड़ रुपये की अपनी संपत्ति घोषित की. देखा जाए तो दो अपवादों को छोड़कर, अधिकांश मुख्यमंत्रियों की गिनती करोड़पति के रूप में की जाती है, जो भारत की राजनीति में संपत्ति के व्यापक अंतर को पेश करता है.

सीएम चंद्रबाबू नायडू की बात करें तो उन्होंने 1992 में हेरिटेज फूड्स लिमिटेड की स्थापना तब की, जब भारत का डेयरी क्षेत्र आर्थिक सुधारों के तहत निजी निवेश के लिए खुल रहा था. सिर्फ 7000 रुपए की पूंजी से शुरू होकर कंपनी 1994 में सार्वजनिक हुई और इसका आईपीओ 54 गुना सब्सक्राइब हुआ, जिससे 6.5 करोड़ रुपये जुटाए गए.

तीन दशकों में, हेरिटेज 17 राज्यों में उपस्थिति और लगभग 3 लाख डेयरी किसानों के साथ साझेदारी के साथ एक अखिल भारतीय ब्रांड के रूप में विकसित हुआ है. कंपनी का टर्नओवर मील के पत्थर, वित्त वर्ष 2000 तक 100 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2025 तक 4,000 करोड़ रुपये तक हुआ.]

नारा परिवार, जिसके पास 41.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है, ने हेरिटेज कंपनी को 1995 में 25 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 4,500 करोड़ रुपये तक बढ़ते देखा है. आंध्र प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके नायडू ने सत्ता और विपक्ष के बीच बारी-बारी से काम किया है और अपनी पार्टी को 2014 में राज्य के विभाजन, 2004 और 2019 में चुनावी झटकों और 2024 में सत्ता में वापसी जैसे उथल-पुथल भरे दौर से गुजारा है.

अविभाजित आंध्र प्रदेश में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने हैदराबाद को "साइबराबाद" का नाम दिया था और हाल ही में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के फैसले ने उन्हें और मजबूती दी. साल 1994 में सरकार में आने के बाद, चंद्रबाबू नायडू की कंपनी हेरिटेज की कमान उनकी पत्नी नारा भुवनेश्वरी ने संभाली.

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