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फतेहपुर में मकबरे के 1KM के दायरे में सभी सड़कें बंद, 6 जिलों से फोर्स बुलाई गई


यूपी के फतेहपुर जिले में शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और जिला प्रशासन ने मकबरे के एक किलोमीटर के दायरे में सभी सड़कें बंद कर दी हैं। फतेहपुर जिले के एक मकबरे में सोमवार को हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने घुसकर हंगामा किया और धार्मिक नारेबाजी की। हंगामा करने वालों का दावा है कि कई सदी पुराना नवाब अबू समद का मकबरा जहां स्थित है, वहां पहले कभी मंदिर हुआ करता था। इस घटना के बाद पुलिस और जिला प्रशासन ने मकबरे के एक किलोमीटर के दायरे में उन सभी सड़कों को बंद कर दिया है जो मकबरे तक पहुंचती है।

अधिकारी ने बताया कि अब यह इलाका लगातार ड्रोन निगरानी में है और मकबरे के ध्वस्त किए गए हिस्सों की मरम्मत कल रात तक पूरी हो गई। फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने कहा, ‘‘कड़ी निगरानी रखी जा रही है और पूरा इलाका अब लगातार ड्रोन निगरानी में है। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’’

इस बीच, अपर पुलिस महानिदेशक (प्रयागराज) संजीव गुप्ता ने सोमवार रात घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ पूरे मामले पर चर्चा की। उन्होंने मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने और आगे किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने की रणनीति बनाई। गुप्ता ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए पड़ोसी जिले कौशांबी और प्रयागराज से अतिरिक्त बल बुलाने की मंजूरी दी है। उन्होंने सोमवार को इलाके में फ्लैग मार्च भी निकाला। जिलाधिकारी को लिखे एक पत्र में उलेमा काउंसिल ने घटना की निंदा की और कुछ संगठनों पर मंदिर के दावों के बहाने एक ऐतिहासिक स्मारक को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इसने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और राष्ट्रीय धरोहर स्थल की सुरक्षा की मांग की।

हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने सोमवार को फतेहपुर जिले में एक मकबरे में घुसकर हंगामा किया और दावा किया कि यह एक मंदिर स्थल है जहां उन्हें प्रार्थना करने का अधिकार है। पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और शांति भंग करने के आरोप में 150 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया है। पुलिस अधीक्षक अनूप कुमार सिंह ने कहा, ‘‘हमें कई वीडियो मिले हैं जिनमें कई लोग मकबरे के आसपास भगवा झंडे लिए ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि किसी के पास हथियार नहीं थे।’’

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मुकदमे में नामजद किए गये लोगों की पहचान धर्मेंद्र सिंह (बजरंग दल नेता), अभिषेक शुक्ला (भाजपा नेता), अजय सिंह (जिला पंचायत सदस्य), देवनाथ धाकड़ (भाजपा नेता), विनय तिवारी (नगर पालिका सभासद), पुष्पराज पटेल, रितिक पाल और प्रसून तिवारी (भाजपा) और पप्पू चौहान (समाजवादी पार्टी नेता) के रूप में की गई है। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा था कि सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है।

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