सोनभद्र/खलियारी। जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। खलियारी मार्केट में स्थित एक मेडिकल स्टोर पर बिना किसी डिग्री और डॉक्टर की मौजूदगी के खुलेआम इलाज किया जा रहा है।लोगो ने बताया कि वहां डॉ. ओ.पी. यादव, जो कि खलियारी मार्केट के निवासी थे मौके पर मौजूद नही रहे। उनके गैरमौजूदगी में स्टाफ खुद ही मरीजों को दवाइयां दे रहा था, इंजेक्शन लगा रहा था और इलाज कर रहा था और सूरज नाम का व्यक्ति बैठा था उसने बताया कि हमको बुलाया गया था कि आवो बैठे रहो मेडिकल स्टोर पर,बड़ी बात तो यह हैं कि मेडिकल पर कैसे चढ़ रहा हैं बोतल।
इस तरह की लापरवाही न केवल मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ है, बल्कि यह स्वास्थ्य विभाग की गंभीर अनदेखी को भी उजागर करता है।
झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। चाय की गुमतियों जैसी दुकानाें में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। खास बात यह है कि अधिकतर झोलाछाप डॉक्टरों की उम्र 15 से 25 साल के बीच है। मरीज की हालत बिगड़ती है तो उससे आनन फानन में जिला अस्पताल लोढ़ी भेज दिया जाता है। जबकि यह लापरवाही स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की जानकारी में भी रहता हैं। बिना लाइसेंस के दवाओं का भंडारण भी करते हैं डॉक्टर झोलाछाप चिकित्सकों द्वारा बिना पंजीयन के एलोपैथी चिकित्सा व्यवसाय ही नहीं किया जा रहा है। बल्कि बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण व विक्रय भी अवैध रूप से किया जा रहा है। दुकानों के भीतर कार्टून में दवाओं का अवैध तरीके से भंडारण रहता है। वही डॉक्टर साहब ने किसी का हवाला भी दिया है और बोले कि हम एक जगह काम कर चुके है।आखिर कार डॉक्टर साहब को डर किस बात की रही।