केरल में भारी बारिश ने मचाई तबाही, पेड़ गिरने से बुजुर्ग की मौत
July 26, 2025
केरल में भारी बारिश के चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। प्रशासन की तरफ से सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है और लोगों से सतर्क रहने को कहा गया है। यहां शुक्रवार रात से भारी बारिश हो रही है। इस बारिश ने केरल के विभिन्न हिस्सों में व्यापक नुकसान पहुंचाया है और नदियों व बांधों का जलस्तर बढ़ा दिया है, जिसके चलते आईएमडी ने सात जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, एर्नाकुलम, त्रिशूर, मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों में सुबह तीन घंटे के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया।
'ऑरेंज अलर्ट' एक दिन में 11 सेमी से 20 सेमी के बीच 'बहुत भारी बारिश' का संकेत देता है। कोझिकोड के विभिन्न हिस्सों में रात भर हुई भारी बारिश और तेज हवाओं ने पेड़ उखाड़ दिए और कई घरों और वाहनों को नुकसान पहुंचाया। इससे बिजली के तार और खंभे गिर गए, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। कोट्टायम और कन्नूर जिलों से भी ऐसी ही घटनाएं सामने आईं।
वायनाड में बाणासुर सागर और पलक्कड़ जिले में अलियार बांध के शटर खोल दिए गए हैं और इन जलाशयों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। केरल के कन्नूर जिले में एक 78 वर्षीय व्यक्ति की उसके घर पर पेड़ गिरने से मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को बताया कि यह घटना सुबह 2 बजे हुई जब चंद्रन कुथुपरम्बा के थेट्टुम्मल में अपने घर के अंदर सो रहे थे। पेड़ घर से टकराकर सीधे उनके ऊपर गिर गया। पुलिस ने बताया कि तड़के इलाके में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही थी।
मलप्पुरम जिले में भी भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण कई हिस्सों में पेड़ उखड़ गए, जिससे लोगों का दैनिक जीवन प्रभावित हुआ। यहां के वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें सड़क पर गिरे हुए पेड़ों को देखा जा सकता है। आईएमडी के अनुसार महाराष्ट्र से केरल तट तक बने एक निम्न दबाव क्षेत्र के कारण बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। आईएमडी और केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से शुक्रवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि (29 जुलाई तक) अगले पांच दिनों तक भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। शुक्रवार से रविवार तक केरल के कुछ स्थानों पर 50 से 60 किमी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं चलने की संभावना है। पश्चिम बंगाल तट और बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।