किशनी/मैनपुरी। विकास खंड की ग्राम पंचायत सकरा स्थित कंपोजिट विद्यालय सकरा में विगत दिनों से हो रही भारी वर्षा के कारण विद्यालय परिसर व शिक्षण कक्ष जलमग्न हो गए हैं।विद्यालय के फर्नीचर तक बारिश का पानी पहुंच चुका है,जिससे शिक्षण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।इस गंभीर स्थिति को देखते हुए विद्यालय में हाल ही में स्थानांतरित होकर पहुंचे शिक्षक शरद यादव ने इस विषय पर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया है। उन्होंने बताया कि यदि विद्यालय में जलभराव की स्थिति बनी रहती है तो इससे बच्चों के बीच संक्रमण फैलने की गंभीर आशंका रहेगी।ऐसी स्थिति में न केवल बच्चों की उपस्थिति घटेगी, बल्कि शासन की निपुण भारत मिशन की मंशा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
शरद यादव, जो कि वर्तमान में कंपोजिट विद्यालय सकरा में कार्यरत हैं तथा पूर्व में विकास खंड में अकादमिक रिसोर्स पर्सन के रूप में कार्य कर चुके हैं, ने यह भी अवगत कराया कि यह समस्या नई नहीं है। पूर्व में भी विद्यालय में जलभराव की स्थिति के संदर्भ में रिपोर्ट बनाकर अधिकारियों को प्रेषित की गई थी,परंतु अब तक इस दिशा में कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है।उन्होंने बताया कि कायाकल्प योजना के अंतर्गत 19 बिंदुओं पर विद्यालयों में कार्य किया जा रहा है, किंतु यदि वर्षाजल का प्रवाह विद्यालय परिसर से ठीक से बाहर नहीं किया गया तो कायाकल्प के प्रयासों पर भी पानी फिर जाएगा। विद्यालय के भीतर जलभराव से मच्छरजनित और जलजनित बीमारियाँ फैल सकती हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी शिक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।विशेष चिंता का विषय यह है कि वर्तमान समय में जब विभाग श्बेसिक शिक्षा मर्जरश् जैसी नीति के कारण अभिभावकों में असमंजस की स्थिति से जूझ रहा है, ऐसे में यदि विद्यालयों में पठन-पाठन कार्य स्वयं प्राकृतिक कारणों से बाधित होता है तो शिक्षा के प्रति विश्वास और कम हो सकता है। बच्चों की उपस्थिति में कमी आना, अभिभावकों की निराशा बढ़ना और विद्यालय की छवि पर प्रतिकूल असर पड़ना यह सब शासन की योजनाओं को कमजोर कर सकता है।वर्षा ऋतु में संक्रमणजनित रोगों का प्रकोप अत्यधिक बढ़ जाता है। ऐसे समय में स्वास्थ्य विभाग व बेसिक शिक्षा विभाग की संयुक्त सहभागिता से संचारी रोग नियंत्रण हेतु विभिन्न जनजागरूकता अभियानों एवं प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाता है। इन बैठकों में चिकित्सा अधिकारियों और शिक्षा विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा नोडल शिक्षकों को यह प्रशिक्षित किया जाता है कि वे बच्चों को संक्रमण से बचाव हेतु कैसे जागरूक करें। किंतु जब विद्यालय स्वयं जलजमाव और संक्रमण की चपेट में हो, तो यह संदेश प्रभावी रूप से कैसे संप्रेषित किया जा सकेगा।यह स्थिति स्वयं ही विरोधाभास बन जाती है।शरद यादव ने एसडीएम,बीडीओ,बीईओ,ग्राम प्रधान ग्राम पंचायत सकरा से आग्रह किया है कि विद्यालय परिसर से जल निकासी की त्वरित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि बच्चों की शिक्षा बाधित न हो।उनका स्वास्थ्य सुरक्षित रहे और विद्यालय, शासन की मंशानुरूप,एक स्वच्छ,सुरक्षित व निपुण केंद्र बन सके।