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संग्रामपुर: सरैया कुर्मियान का रास्ता खराब, सुदृढ़ीकरण की हुई मांग


संग्रामपुर/अमेठी। कई बार यह देखा गया कि प्रधानों की मनमानी से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं।प्रधानों द्वारा विकास कार्यों में अनियमितता, भ्रष्टाचार और जनता की समस्यायों पर ध्यान न देने की शिकायत आती रहीं हैं। इससे ग्रामीणों में असंतोष और नाराजगी बढ़ रही है।ऐसा ही एक मामला अमेठी जिले के विकास खंड संग्रामपुर क्षेत्र के ग्राम सभा सरैया कनू का आया है ।इस ग्राम सभा में एक बर्मा विरादरी का एक छोटा पुरवा जिसका नाम पूरे दुबान मजरे सरैया कनू है इसे सरैया कुर्मियान भी कहा जाता है।इस पुरवे में किसान गाजर,मूली ,बैगन सहित विभिन्न प्रकार की सब्जी खेतों में पैदा करके बाजार में लेकर बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। लेकिन इस गांव के विकास का अवरोधक रास्ता है ।रास्ता इतना संकरा है कि चार पहिया वाहन गांव तक नहीं जा सकता है।न ही कोई स्वास्थ्य टीम एमरजेंसी सेवा नहीं मिल पा रही है।इस समस्याओं के निदान के लिए ग्रामीण एकत्रित होकर इस पंचवर्षीय में अपना प्रधान बनाए ।पूरा साढ़े चार वर्ष बीत गया लेकिन प्रधान द्वारा ग्रामीणों को लालीपाप ही दिया है।जब ग्रामीणों को पूरा विश्वास हो गया कि प्रधान गांव का विकास नहीं चाहता तो वै एकत्रित होकर प्रशासन से मांग की यह रास्ता मरम्मत करा दिया जाय जिससे आने -जाने में समस्या न हो इतना ही नहीं जब प्रधान का सीधा जबाब इनको मिला कि ग्राम पंचायत में धन नहीं आ रहा है और इस रास्ते की मरम्मत नहीं होगी तो चार - पांच लोग मिलकर स्वयं फावड़ा - तसला लेकर रास्ते के जीर्णोद्धार में जुट गए । ग्रामीण सीताराम वर्मा ने बताया कि हम सब किसान है सब्जी बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं लेकिन रास्ता खराब होने के कारण हमारे रोजगार पर असर पड़ रहा है। उदय राज ने बताया कि मात्र 400 मीटर इस रास्ते के सुदृढ़ीकरण के लिए पंचायत में पैसा नहीं है। बृजेश ने बताया कि गांव की गलियां भी ऐसी है की पैदल चलना मुश्किल हो गया है।राम जब वर्मा ने बताया कि सरकार की मनरेगा योजना गांव खूब चली लेकिन कागज पर चली ।हम लोग मिलकर श्रमदान करके सड़क पर मिट्टी डाल रहे हैं।बुधिराम ने बताया कि यह रास्ता कालिकन - शीतलागंज मार्ग पर सरैया पसियान से सम्पर्क मार्ग है जिसपर साफ सफाई व मरम्मत के अभाव में रस्ता संकरा और ऊबड़-खाबड़ हो गया है । बरसात में इस रास्ते पर आना जाना मुश्किल हो रहा है। महिला भोला देवी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं ने लिए एंबुलेंस गांव तक नहीं आती गर्भवती महिलाओं को अस्पताल ले जाने के लिए सड़क पर एंबुलेंस खड़ी हो जाती है वहां तक महिला  को पैदल जाना पड़ता है। ग्राम विकास अधिकारी का कहना है कि जल्द ही मरम्मत करा दिया जाएगा।

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