मैनपुरी। शहर के पंजाबी कॉलोनी स्थित श्री एकरसानंद आश्रम में परम पूज्य परमहंस श्री स्वामी शारदानंद सरस्वती जी महाराज की कृपा छाया एवं महामंडलेश्वर श्री स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी महाराज की सानिध्य में गुरु शिष्य का परम पावन पर्व श्री गुरु पूर्णिमा महोत्सव के चतुर्थ दिवस शनिवार को दिल्ली के सरस कथा वाचक आचार्य रमाकांत मिश्रा राम जी भाई द्वारा परम पूज्य परमहंस श्री स्वामी शारदानंद सरस्वती जी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं पूजन कर तथा श्रीमद भागवत कथा से हुआ। कथा के चतुर्थ दिवस पोथी पूजन एवं व्यास पूजन कथा के यजमान राहुल दुबे द्वारा किया गया।
सरस कथा वाचक आचार्य रमाकांत मिश्रा राम जी भाई ने कथा का रसपान कराते हुए कहा कि गुरु का स्थान भगवान से भी श्रेष्ठ है भगवान जीव को कर्मानुसार शरीर देकर संसार में भेजते हैं शुभ अशुभ कर्मों के कारण जीव सुख दुख प्राप्त करता है।
गुरुदेव के संपर्क में आया जीव कर्म जाल से मुक्त हो जाता है गुरुदेव भगवान जिसको ईश्वर ने शरीर देकर के कर्मजाल में फसाया गुरु उसका कर्म जाल काट देता है और बंधन से मुक्त कर देता है बंधन से मुक्त करने के कारण गुरुदेव का स्थान परमात्मा से भी ऊपर है जैसे बच्चों के लिए उसकी मां ही ईश्वर है ऐसे जीव के लिए गुरु तत्व ही सर्वश्रेष्ठ है गुरु की आज्ञा में रहना जीव का कर्तव्य है आज कलयुग में गुरुता का भाव ज्यादा दिखाई देता है शिष्यत्व दिखाई नहीं देता।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति गुरु बनना चाहता है गुरु का होकर गुरु बना जाता है गुरु जी जिस पर भी अनुग्रह करते हैं उसे भी पूजनीय बना देते हैं गुरु शिष्य बनाता है ऐसा दिखता है परंतु अपनी विद्या और शक्ति देकर अपने सामान ही शिष्य को गुरुत्व प्रदान करता है। जिसका कोई गुरु नहीं है मार्गदर्शक नहीं है उनके जीवन का क्या है भगवान ही जाने, रामायण में लिखा है गुरू बिनु भव निधि तरई न कोई।जो बिरंचि शंकर सम होई।।
इस मौके पर स्वामी रामेश्वरानन्द, डॉक्टर संजीव मिश्रा, प्राचार्य राम बदन पांडेय, प्रधानाचार्य नीरज बाबू दुबे, सूर्यकांत त्रिपाठी, कृष्ण दत्त मिश्रा, राम खिलाडी यादव्,श्याम जी दीक्षित, सुभाष मिश्रा, मीडिया प्रभारी आकाश तिवारी, बृजेश शर्मा, सत्यदेव मिश्रा, अनुज, दिनेश पाठक, अंशु पाठक, पुष्पराज तिवारी, अनिरुद्ध पांडे आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।