बदायूं /दातागंज। थानाक्षेत्र दातागंज कोतवाली के ग्राम जयपालपुर में समरपाल गांव में रहकर खेती किसानी का काम करते हैं , जिनके अन्य एक बेटे जयदीप ने थाना पुलिस को एक तहरीर दी जिसमें उन्होंने बताया कि सोमवार की शाम को मेरा भाई प्रदीप और मेरी मां घर पर ही थे , तभी शाम के 7 बजे गांव के श्यामू पुत्र गणपत सिंह, सुभाष पुत्र जगत पाल कश्यप, जमुना पुत्र करन सिंह, सुधीर पुत्र गनपत सिंह, शेरू पुत्र करन सिंह जो कि घर से मेरे भाई को बुलाने आए थे तब मैने ओर मेरी मां ने उनसे पूछा की क्या काम है तो वह बोले कि बस अभी छोड जाएंगे, मना करने के बाद भी मेरे भाई प्रदीप को साथ में बुलाकर ले गए ।
जब प्रदीप बहुत देर तक घर नहीं पहुंचा तो उसकी खोजबीन करी गई, तभी गांव के ही कुछ लोगों द्वारा बताया गया कि प्रदीप की हत्या कर दी गई है और उसकी लाश गांव के बाहर पश्चिम दिशा में खेत में पडी मिली ।वहीं लोगों के द्वारा पुलिस को सूचना दी गई , मौके पर पुलिस पहुंच गई जिसका पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, श्यामू सहित पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।लेकिन पुलिस अभी तक हत्यारोपियों को नहीं पकड पाई है। बात करें दातागंज कोतवाली की तो इस हत्याकांड ने एक नया मोड ले लिया है ।प्रदीप के परिवार के लोग जब अस्थियां लेने क्रिया कर्म स्थल पर पहुंचे तो अस्थियां लेते समय वहां पर एक छुरी दिखाई दी। पीडति परिवार के लोगों ने कोतवाल को कॉल करी लेकिन कोतवाल साहब मौके पर नहीं पहुंचे।छुरी निकलने से परिवार के लोग असमंजस में हैं।
परिवार जनों का आरोप है कि डॉक्टर और थाना पुलिस की मिली भगत से पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बदली गई है। अगर रिपोर्ट ना बदली गई है तो चाकू आया कहां से अगर चाकू डॉक्टर का रह गया तो डॉक्टरों की भी घोर लापरवाही है जब वह चाकू छोड सकते हैं तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं बदल सकते ।
जयदीप का कहना है कि जब वह पोस्टमार्टम हाउस पर थे तब साथ में गए एक कांस्टेबल ने भला बुरा कहा गालियां भी दी और कहा कि शांत बैठे रहो नहीं तो फांसी की रिपोर्ट बनवा दूंगा। इस पर पीडति परिवार के लोग डर गए और शांत हो गए।
कल बुधवार को जयदीप और समरपाल दातागंज कोतवाली पहुंचे तो वहां पर कोतवाल गौरव बिश्नोई ने उन्हें गालियां दी और वहां से धमका कर भगा दिया ।कहा जो कर मिले वह कर लो मैं किसी से नहीं डरता हूं तुम चाहे लखनऊ जाओ या कोर्ट कचहरी जो करूंगा मैंकरूंगा। पीडति परिवार के लोग डरे हुए हैं और पीडति परिवार पलायन करने को मजबूर है। बात करें दातागंज कोतवाली पहले से ही सुर्खियों में है इससे पहले एक साल पूर्व भी ऐसे ही गला रेत कर सुखौरा की महिला की हत्या की गई ,तब भी दातागंज कोतवाली में कोई सुनवाई नहीं करी गई।आपको बता दें कि पुलिस पर आम जनता विश्वास करती है अगर पुलिस पुलिस ही ऐसा करेगी तो गरीब कमजोर को न्याय कैसे मिल पाएगा।
वैसे क्षेत्र में तो हत्या की ही चर्चा है क्योंकि जो दोषी हैं वह दबंग किस्म के हैं और वह पुलिस के संरक्षण में कच्ची शराब का अवैध धंधा भी करते हैं।दातागंज पुलिस सारी हदें पार कर जनमानस पर काफी अत्याचार कर रही है।इस संबंध में जानकारी लेने हेतु अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के. के.सरोज एवं क्षेत्राधिकारी दातागंज को फोन लगाया लेकिन फोन बंद आया।
