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लखनऊ: सोशल मीडिया पर पैनी नजरः मुख्य अभियंता का स्पष्ट संदेश- भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं ! दो अधीक्षण अभियंता जांच अधिकारी नामित


लखनऊ । राष्ट्रीय न्यूज चैनल के वरिष्ठ पत्रकार द्वारा सोशल मीडिया पर कबीर नगर क्षेत्र के अवर अभियंता राजकुमार द्वारा लाखों के बकायेदार उपभोक्ताओं के परिसर पर  नियमित संयोजन देकर मीटर लगवा दिए जाने के मामले से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज सोशल मीडिया पर डाले जाने का तत्काल संज्ञान लेते हुए  मुख्य अभियंता रजत जुनेजा द्वारा  अधीक्षण अभियंता ग्रामीण मंडल  भविष्य कुमार सक्सेना एवं अधीक्षण अभियंता वृंदावन मनोज कुमार गुप्ता को जांच अधिकारी नामित कर दिया गया मुख्य अभियंता के इस कदम को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है । गौरतलब है सोशल मीडिया अथवा प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार एवं अनियमिताओं संबंधी खबरों पर सख्त रुख अख्तियार करने वाले मुख्य अभियंता द्वारा तत्काल जांच कमेटी का गठन किया जाता रहा हैं तथा दोषी पाए जाने  पर कार्यवाही भी की गई हैं  किसी जागरूक नागरिक की सूचना पर विजिलेंस टीम द्वारा काशीराम कॉलोनी के ब्लॉक संख्या 13 में छापेमारी की गई इसमें बकायेदार उपभोक्ता के परिसर से मीटर उखाड़ा जा चुका था परंतु ठीक बगल में खाली पड़े भवन परिसर पर   संयोजन देकर बकायेदार उपभोक्ता को विद्युत आपूर्ति की जा रही थी छापेमारी के दौरान टीम द्वारा 126 की कार्यवाही की गई चेकिंग रिपोर्ट भर दिए जाने के उपरांत संबंधित उपभोक्ता को नोटिस जारी किए जाने के प्रावधान के तहत  आरोपित उपभोक्ता के परिसर का सत्यापन तथा उसके परिसर पर पाए गए मीटर का सत्यापन  नहीं हो सका 

परीक्षण खंड एवं वितरण खंड तथा वितरण उपखंड में संबंधित मीटर का किसी भी प्रकार का विवरण ना पाए जाने पर हड़कंप मच गया 

अवर अभियंता द्वारा संतोषजनक उत्तर न दिए जाने से अधिकारियों द्वारा उपखंड अधिकारी को क्षेत्र में गंभीरता से निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा गया 

लगभग 15 कर्मचारियों की मदद से मीटर सत्यापन अभियान के दौरान उपखंड अधिकारी अमित कुमार द्वारा ब्लॉक संख्या 5 ब्लॉक संख्या 8 ब्लॉक संख्या 10 एवं 13 से मीटर उखाड़ लिए गए इन सभी मीटरों का विवरण कहीं भी अंकित नहीं पाया गया

वही 10 संदिग्ध मीटरों की पहचान की गई है जिन पर शीघ्र ही कार्यवाही की जाएगी निरंतर मीटर सत्यापन प्रक्रिया जारी है

वहीं सूत्रों की माने तो 30000 से सवा लाख रुपए तक लेकर कनेक्शन बांटे गए  अक्टूबर से लागू होने वाले विभक्ति करण  से पूर्व सुनहरे मौके के रूप में अवर अभियंता द्वारा इसका उपयोग किया गया

सभी बकायेदारों पर 100000 से ढाई लाख रुपए तक वास्तविक बकाया था जब उनके संयोजन विच्छेदित किए गए थे जो कि वर्तमान में कई गुना ज्यादा धनराशि हो सकती है परेशान उपभोक्ताओं का कहना है उनके परिसर पर संयोजन देने वाले कर्मचारी सरकारी मीटर लगाने वाला कर्मचारी सरकारी तो मीटर अवैध कैसे हो गया कनेक्शन अवैध कैसे हो गया

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