मोहम्मदाबाद यूसुफपुर/गाजीपुर। स्थानीय थाना कोतवाली अंतर्गत सोमवार की शाम तिवारीपुर मोड़ पर हमेशा सुगंध बिखेरती चाय-दुकान आज सन्नाटे में डूबी रही। तीखे करंट की एक झटके कृ और 35-वर्षीय चाय विक्रेता मुकुल गुप्ता, जो हर घूंट में मुस्कान घोल देता था, हमेशा के लिए खामोश हो गया।
हर रोज की तरह मुकुल स्टील के गिलासों में उछालती भाप, अदरक-इलायची की महक और प्यालों की खनक में व्यस्त था। पर तभी दुकान से सटे बिजली-पोल में उतरा करंट ऊपर से गुजरती तीन-फेज लाइन को टीन शेड से चिपका गया। पल भर में बिजली की क्रूर लहर मुकुल के सीने से गुजरी। पास ही खड़े लोगों ने हड़बड़ाते हुए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया, मगर डॉक्टरों ने दबी आवाज में सिर हिला दिया कृ अब कुछ नहीं बचा था।
बैरिस्टर गुप्ता का यह बेटा बरसों से उसी मोड़ पर चाय बेचकर घर के सदस्यों का भरण-पोषण करता था। उसकी रुकती साँसों के साथ परिवार की आस भी दम तोड़ गई। बूढ़े पिता की सूनी आँखें, बिलखती पत्नी और मासूम बच्चों की बेबस चीखें गाँव-भर में गूँज उठीं। तिवारीपुर की गलियाँ, जहाँ मुकुल की हँसी गूँजती थी, अब मातमी खामोशी से भरी हैं।
लोग कह रहे हैं कृ अगर बिजली-विभाग थोड़ा सचेत होता, अगर जर्जर तार समय रहते दुरुस्त किए जाते, तो आज मुकुल के हाथों की गरम चाय में जीवन की मिठास बाकी होती। पर अफसोस, “अगर” ने एक परिवार से उसका सहारा, और गाँव से उसका हँसता चेहरा छीन लिया।