नई दिल्ली में अवारा कुत्ते के काटने से बच्ची की मौत, सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
July 29, 2025
राष्ट्रीय राजधानी में रोहिणी के पूठ कलां में आवारा कुत्ते के काटने से रेबीज के कारण छह साल की बच्ची की मौत से निवासियों में आक्रोश फैल गया है। स्थानीय लोगों ने सोमवार को दावा किया कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने सड़कों से कुत्तों को पकड़ना तभी शुरू किया जब उच्चतम न्यायालय ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया। इससे पहले दिन में उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने इस बात पर प्रकाश डाला था कि दिल्ली और इसके बाहरी इलाकों में प्रतिदिन कुत्तों के काटने के सैकड़ों मामले सामने आते हैं, जिससे अक्सर रेबीज हो जाता है, और इससे बच्चे तथा बुजुर्ग लोग सबसे अधिक असुरक्षित होते हैं।
न्यायालय ने कहा, "हम इस खबर का स्वतः संज्ञान लेते हैं।" अदालत ने पूठ कलां में बच्ची की मौत को जनहित का मामला मानकर जांच का आदेश दिया था। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हो सकी। बच्ची की पहचान छवि शर्मा के रूप में हुई है, जिसे घरवाले प्यार से 'बिट्टू' बुलाते थे। 30 जून को जब वह अपनी बुआ के घर जा रही थी, तभी एक आवारा कुत्ते ने उसे काट लिया। उसकी बुआ कृष्णा देवी ने बताया कि छवि खून से लथपथ रोती हुई उनके दरवाज़े पर आई थी। उसे तुरंत डॉ. बीआर आंबेडकर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका एंटी-रेबीज टीकाकरण शुरू हुआ। पहली खुराक के बाद 3, 7 और 28 जुलाई को बाक़ी तीन इंजेक्शन दिए जाने थे। लेकिन 21 जुलाई को स्कूल से लौटने के बाद छवि को उल्टियां होने लगीं और उसकी हालत बिगड़ गई और 25 जुलाई को उसकी मौत हो गई।
जस्टिस जे. पारडीवाला ने 'सिटी हाउंडेड बाय स्ट्रेज़ एंड किड्स पे प्राइस' (City hounded by strays and kids pay price) शीर्षक वाली रिपोर्ट को "बेहद चिंताजनक" करार दिया। रिपोर्ट में बताया गया है कि सैकड़ों की संख्या में कुत्तों के काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे रेबीज का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस गंभीर स्थिति का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ रहा है, जिनकी रेबीज से मौतें हो रही हैं। जस्टिस पारडीवाला ने इन मौतों को "डरावना और परेशान करने वाला" बताया।