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अमेठीः सुनो योगी सरकार! मनरेगा में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार


वेतन के नाम पर लाखों रुपए खर्च, फिर भी दायित्व की पूर्ति में ईमानदारी अधूरी

अमेठी। शासन की नीतियों के अनुरूप जहां मनरेगा कार्ड धारक को 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी है तथा उद्देश्य भी यही था की कोई भी परिवार भूखा ना रहे,वहीं पर जिले के शीर्ष अधिकारियों के संरक्षण में इस समय मनरेगा में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। जिले की 13 ब्लॉकों में 647 ग्राम पंचायत हैं जिनमें से 75ः ग्राम पंचायत में मनरेगा के अंतर्गत कार्य जारी है जिन 75 प्रतिसत ग्राम पंचायत में कागजों में कार्य जारी है उनमें 65 प्रतिसत ग्राम पंचायत ऐसी हैं की मास्टर रोल में तो 40 से लेकर 70 लेवर तक कार्य कर रहे हैं लेकिन धरातलीय स्थिति कुछ और ही है भ्रष्टाचारियों द्वारा शाशन से तैयार पारदर्शिता(जियो टैगिंग युक्त फोटो) को भी चकमा देकर एक ही फोटो को कई मास्टर रोलो में अपलोड कर उपस्थिति दर्ज कर दी जा रही है साथ ही 15 दिन पूर्ण होने के पश्चात गलत अपलोड की गई फोटो के भरोसे (एमबी) भी कर दी जा रही हैं जिससे मनरेगा मजदूरो के नाम पर मिलने वाला पराश्रमिक (धनराशि) सुरक्षित हो जा रही है। 


सबसे अहम और महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार अपने उद्देश्यों की पूर्ति एवं जनता की सुगमता के लिए प्रत्येक पायदान पर अधिकारी नियुक्त किए हैं और महीने के लाखों रुपए खर्च कर उनका वेतन दिया जाता है जिससे सरकार की महत्वाकांक्षी पूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन सुगमता पूर्वक संचालित होता रहे तथा भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा रहे फिर भी भ्रष्टाचार पर अंकुश न लग पाना अधिकारियों की विफलता को दर्शाता है इसे दायित्व हीनता कहा जाय अथवा मिली भगत, सरकार द्वारा मोटा वेतन मिलने के बावजूद सरकार के नीतियों के विपरीत कार्य करना कहीं अधिकारियों की कार्यशैली तो नहीं बन गई है जबकि मनरेगा में भी भ्रष्टाचार रोकने के लिए ब्लॉक स्तर पर टीमों का गठन कुछ इस प्रकार हैं मनरेगा मेट,ग्राम पंचायत विकास अधिकारी,मनरेगा टी ए, मनरेगा एपीओ, मनरेगा कंप्यूटर ऑपरेटर, बीडीओ फिर भी अगर भ्रष्टाचार पर लगाम न लगे तो विभाग के शीर्ष अधिकारियों में शुमार मनरेगा उपायुक्त एवं जिले के विकास के लिए मुख्य विकास अधिकारी बावजूद इसके भी करोणों रूपये मनरेगा की मजदूरी के नाम पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं।उपरोक्त के सम्बन्ध में मुख्य विकास अधिकारी श्री सूरज पटेल ने बातचीत के दौरान बताया की भ्रष्टाचार से उबरने के लिए शासन द्वारा नामित दूसरी पारदर्शिता युक्त व्यवस्था लागू करने के लिए डीसी मनरेगा ट्रेनिंग ले रहे हैं।

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